यदि चाहते आप भी संतान प्राप्ति तो इस एकादशी करें ये काम

यदि चाहते आप भी संतान प्राप्ति तो इस एकादशी करें ये काम
Share:

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व है। यह व्रत जीवन में सुख-समृद्धि लाता है और घर में खुशहाली बनाए रखता है। हर साल 24 एकादशियां होती हैं, जिनके अलग-अलग नाम और महत्व होते हैं। इनमें से सावन महीने में पड़ने वाली पुत्रदा एकादशी को विशेष लाभकारी माना जाता है।

सावन पुत्रदा एकादशी कब है?

सावन महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इस साल 2024 में सावन पुत्रदा एकादशी 16 अगस्त, शुक्रवार को पड़ रही है। इस दिन व्रत रखा जाएगा और अगले दिन यानी 17 अगस्त को व्रत का पारण किया जाएगा।

  • सावन पुत्रदा एकादशी तिथि प्रारंभ: 15 अगस्त सुबह 10:26 बजे
  • सावन पुत्रदा एकादशी तिथि समाप्त: 16 अगस्त सुबह 09:39 बजे
  • पारण का समय: 17 अगस्त सुबह 05:51 से 08:05 बजे तक

पुत्रदा एकादशी का महत्व

पुत्रदा एकादशी का व्रत खासतौर पर संतान प्राप्ति और संतान की सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इस दिन भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि जो व्यक्ति विधि-विधान से पुत्रदा एकादशी का व्रत करता है, उसे संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही, अगर माताएं इस व्रत को करती हैं, तो उनकी संतान का जीवन सुखी और स्वस्थ रहता है। इस व्रत से संतान से जुड़े सभी कष्ट दूर होते हैं और उनकी आयु व आरोग्यता बढ़ती है।

पुत्रदा एकादशी पर करने वाले उपाय

संतान सुख और उनके जीवन में आने वाली समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए पुत्रदा एकादशी पर कुछ खास उपाय किए जा सकते हैं।

  1. लड्डू गोपाल की मूर्ति: इस दिन तांबे के जटा वाले लड्डू गोपाल की मूर्ति घर में लाएं और उनकी सेवा व पूजा करें। इससे उत्तम संतान प्राप्त होती है।
  2. पीले फूल और चंदन का तिलक: यदि आपकी संतान मानसिक तनाव से गुजर रही है, तो पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पूजा में पीले रंग के फूल अर्पित करें और चंदन का तिलक लगाएं। बच्चों को साथ बिठाकर पूजा करें और विद्या यंत्र की स्थापना करें।
  3. खीर का भोग: अगर संतान के करियर या कारोबार में कोई समस्या आ रही हो, तो पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें खीर का भोग लगाएं। खीर में तुलसी का पत्ता जरूर मिलाएं।

सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान सुख, उनकी लंबी आयु और समृद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करना चाहिए और संतान से जुड़ी समस्याओं के निवारण के लिए उपाय करने चाहिए। इस एकादशी का पालन करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है, और संतान की हर मनोकामना पूर्ण होती है।

जानिए इलेक्ट्रिक एसयूवी की खासियत और रिव्यू

बारिश के मौसम में बढ़ जाता है स्किन इंफेक्शन का खतरा तो अपनाएं ये तरीका

जल्द ही भारत में भी बढ़ जाएंगे कारों के दाम...!

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -