अगर यूपी में फिर CM बने 'योगी आदित्यनाथ' तो टूट जाएंगे सालों से चले आ रहे कई मिथक
अगर यूपी में फिर CM बने 'योगी आदित्यनाथ' तो टूट जाएंगे सालों से चले आ रहे कई मिथक
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम गुरुवार (10 मार्च) को आने वाले हैं, मगर उससे पहले एग्जिट पोल के माध्यम से सत्ता की तस्वीर साफ होती नज़र आ रही है. कई एग्जिट पोल्स में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा दो तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में वापसा आती दिखाई दे रही है. वहीं, समाजवादी पार्टी (सपा) बहुमत से काफी दूर हैं. यदि, एग्जिट पोल के आंकड़े चुनावी परिणामों में तब्दील होते हैं को यूपी में कई सियासी धारणाएं टूट जाएंगी. 

लगातार दूसरी बार CM बनने वाले पहले भाजपा नेता होंगे योगी:-

चुनावी नतीजों को लेकर सबकी जिज्ञासा यही है कि तमाम मिथक तोड़ रहे योगी बतौर CM पांच साल चली भाजपा की सरकार की वापसी कराने में कामयाब होते हैं या नहीं. बता दें कि आजादी के बाद से यूपी में कोई भी मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लगातार दूसरी बार सत्ता के सिंहासन पर नहीं बैठ सका है. अगर एग्जिट पोल्स सच निकलते हैं, तो सीएम योगी ऐसा करने वाले राज्य के पहले सीएम बन जाएंगे. यूपी में किसी विधानसभा का निर्धारित पांच वर्षों का कार्यकाल पूरा कर फिर अपनी पार्टी की सीएम योगी सत्ता में वापसी कराएंगे. 1985 के बाद 37 सालों में यह पहली दफा होगा कि कोई पार्टी लगातार दूसरे कार्यकाल में वापसी करेगी. 

वहीं, चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा हाईकमान अगर योगी आदित्यनाथ को ही मुख्यमंत्री बनाता है, तो वे भाजपा के ऐसे पहले नेता हो जाएंगे जो लगातार दूसरी बार यूपी में CM की कुर्सी पर बैठेंगे. साथ ही राज्य में पांच साल का एक कार्यकाल पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार सीएम पद की शपथ ग्रहण करने वाले भी पहले व्यक्ति बन जाएंगे. यूपी में अभी तक कोई भी मुख्यमंत्री सत्ता में रहते हुए लगातार दूसरी बार CM नहीं बना है.

नोएडा आने का मिथक भी टूटेगा:-

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक मिथक यह भी माना जाता है कि नोएडा जाने वाले CM की कुर्सी सुरक्षित नहीं रहती है और पार्टी सत्ता में वापसी नहीं कर पाती. इस वजह से कई मुख्यमंत्री तो नोएडा आने से परहेज ही करते रहे. विकाय योजना का उद्घाटन या शिलान्यास को लेकर नोएडा जाने की आवश्यकता पड़ती है तो कुछ मुख्यमंत्रियों ने लखनऊ या फिर किसी अन्य जगह से ही इस कार्य को पूरा किया. राज्य में योगी ही ऐसे CM हैं, जो नोएडा आने के मिथक को न मानते हुए, वहां कई बार पहुंचे. इस प्रकार 5 साल CM रहते हुए 40 बार नोएडा आकर उन्होंने एक मिथक तो तोड़ दिया है, मगर अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री बनकर दूसरा मिथक भी तोड़ पाते हैं या नहीं. 

डेढ़ दशक के बाद MLA बनेगा सीएम:-

यूपी में डेढ़ दशक से जो भी नेता मुख्यमंत्री बना है, वो विधानसभा के बजाय विधान परिषद का सदस्य रहा है. मायावती से लेकर अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ तक सभी CM विधान परिषद के मेंबर रहे हैं. योगी आदित्यनाथ ऐसे पहले नेता हैं जो बीते डेढ़ दशक में सीएम रहते हुए विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं, तो सपा मुखिया अखिलेश यादव भी इस बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. संयोग यह भी है कि योगी विधानसभा का पहला चुनाव लड़ रहे हैं तो यह देखना भी दिलचस्प होगा कि बतौर CM त्रिभुवन नारायण सिंह को मात देने वाले गोरखपुर का मुख्यमंत्री को पटखनी देने का मिथक किस तरह टूटता है.

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