style="text-align: justify;">Whatsapp.
अपने क्रांतिकारी दौर से गुजर रहा है,
यहाँ हर आदमी क्रांति तो करना चाहता है।
पर सिर्फ ........................
कोई बेडरूम में लेटे लेटे गौ हत्या करने वालों को सबक सिखाने कि बातें कर रहा है तो किसी के इरादे सोफे पर बैठे बैठे मुसलमानो या हिंदूओं को उखाड फेंकने के हो रहे हैं ।
कोई अपने बिस्तर से उठकर एक ग्लास पानी लेने पर नौबल पुरस्कार कि उम्मीद रखने वाले बता रहे हैं कि मां बाप की सेवा कैसे करनी चाहीये। जिन्होंने आज तक बचपन में कंचे तक नहीं जीते वह बता रहे हैं कि भारत रत्न किसे मिलना चाहीये।
जिन्हें गली मोहल्ले में क्रिकेट इसी शर्त पर खिलाया जाता था कि बॉल कोई भी मारे पर अगर गेंद नाली में गयी तो निकालना तुझे ही पडेगा वह आज कोहली - रैना या धोनी को समझाते पाये जायेंगे की उसे क्रिकेट कैसे खेलना है।
जो महाशय लडकों को भी बुरी नजर से देखते हैं आज उन्हें नारी सुरक्षा कि चिंता है। देश में महिलाओं की कम जनसंख्या को देखते हुये उन्होनें तमाम सोशल मीडिया पर नकली ID's बना कर महिलाओं की जनसंख्या को बराबर कर दिया है।
जिन्हें यह तक नही पता कि हमारा भारत का इतिहास क्या था वह आज बता रहे हैं कि किसने कितनों को काटा था। हाथ में चश्मा पकडकर भी पुरे घर में चश्मा ढूंढने वाले अंधे बतायेंगे कि कौन सा नेता कौन सा वादा भुल गया। जिन्हें यह तक नही याद है कि हमारे राज्य की राजधानी क्या है वह भी बता रहे होते हैं कि सनातन धर्म में पाच हजार साल पहले क्या हुआ था।
और तो और कुछ धर्म के ठेकेदार भी हैं जो दिन भर हिंदू मुसलमान होने के सर्टीफिकेट बाटते रहते हैं जैसे कि जब तक आप उनकी फोटो लाईक नही करेंगे आपको आपके मोहल्ले के लोग हिंदू या मुसलमान ही नही मानेंगे।
हमारे यहाँ हर आदमी के पास वेसे तो टाइम नहीं हे पर यु टाइम ही टाइम हे जब देखो जहाँ देखो हर भारतीय अपने अपने स्मार्ट फ़ोन पर whatsapp पर लगा हुआ हे दिन हो या रात बस whatsapp और तो और आजकल जन्मदिन से लेकर शादी ब्याह और मरण दिन - उठावना तक सब कुछ whatsapp पर हो रहा हे ।
मानो whatsapp न हुवा कोई अलादीन का चिराग हो गया हे ।
क्या अब केवल यही हमारा जीवन रह गया हे ???????
सोचे विचारे और मनन करें ।