इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने प्रदेश को कोविड 19 की टेस्टिंग का अंधाधुंध उपयोग से बचने की की राय दी है. आईसीएमआर ने बताया कि टेस्टिंग का बेतरतीब उपयोग या जिन्हें इसकी जरूरत नहीं है उनकी भी टेस्ट करने से इसका फायदा से अधिक नुकसान होगा. वही, आईसीएमआर ने कोरोना मामले मैनेजमेंट की एक वर्चुअल बैठक के समय यह बात कही. इसके अलाव ही मीटिंग में बताया गया कि वैक्सीन का उपयोग भी काफी सर्तकता से करना चाहिए.
आईसीएमआर ने मीटिंग में बताया कि इन सभी इलाजों को केवल वहीं उपयोग में लाना चाहिए जहां मरीजों की देखरेख संभव है, ताकि संभावित मुश्किलों को संभाला जा सके. साथ ही ये भी मध्यम और गंभीर केस के लिए बताया गया कि पर्याप्त प्राण वायु की व्यवस्था, एंटी-कोआगुलंट्स और सस्ती कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स की उचित और वक्त पर इंतजाम हो सके.
आईसीएमआर ने बताया कि कोविड 19 के प्रभावी इलाज को तलाशने के दौरान कई वैक्सीन का पुन: उपयोग किया गया है जो कि क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल का भाग नहीं हैं. साथ ही बताया कि इन वैक्सीन को अभी तक DCGI से मान्यता नहीं मिली है. केवल कोविड 19 की इमरजेंसी परिस्थिति में इसके उपयोग की इजाजत मिली है.स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी नए आंकड़ों के मुताबिक देश में (COVID-19) के 8,49,553 मामले सामने आ गए हैं. जिनमे से 2,92,258 एक्टिव मामले हैं. 5,34,621 स्वस्थ हो चुके हैं. साथ ही, 22,674 लोगों की इससे मृत्यु हो गई है. भारत में बीते 24 घंटे में 28,637 केस सामने आए हैं और 551 लोगों की मृत्यु हो गई. 62.93 प्रतिशत मरीज संक्रमण से उबर गए हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के मुताबिक इस समय 2,80,151 जांच हुई हैं. भारत में कुल अब तक 1,15,87,153 जांच हो चुकी है.
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