आईसीसीआर का बड़ा बयान, भारत कभी धार्मिक राष्ट्र नहीं रहा और ना ही हो सकता है
आईसीसीआर का बड़ा बयान, भारत कभी धार्मिक राष्ट्र नहीं रहा और ना ही हो सकता है
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भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के अध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे द्वारा कहा गया है कि भारत कभी भी धार्मिक देश नहीं रहा है और न ही कभी हो सकता है. हडसन इंस्टीट्यूट थिंकटैंक के एक सवाल के जवाब में भारत सरकार के स्वायत्त संगठन आईसीसीआर द्वारा यह बात कही गई है. 

आपको बता दें कि अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान आईसीसीआर के अध्यक्ष सहस्त्रबुद्धे द्वारा कहा गया है कि बहुलवाद भारत के विचार का एक अभिन्न अंग है. जबकि भारत कभी भी धार्मिक राष्ट्र नहीं रहा है और न ही वह कभी हो सकता है. भारत बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र को लेकर दिखाए रास्ते पर चलने वाला देश है. संभावनाएं और नए भारत के लिए चुनौतियां विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में सहस्त्रबुद्धे द्वारा कहा गया है कि भारत के भीतर विखंडन को रोकने की जरुरतहै. 

साथ ही हडसन स्कॉलर अपर्णा पांडे के हिंसा को लेकर पूछे एक सवाल के जवाब में आगे उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के उद्देश्यों और इरादों पर सवाल नहीं उठ सकता है. जबकि भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद से ऐसी घटनाओं को मीडिया में ज्यादा तवज्जो भी दी गई है. क्या पहले की सरकारों में ऐसी घटनाएं नहीं होती थीं? खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंसा की घटनाओं पर कई बार चिंता जता चुके हैं और इतना ही नहीं, उन्होंने इसकी पुनरावृत्ति रोकने का निर्देश भी प्रदान किया था.’ 

 

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