आयरन फीस्ट के दौरान लक्ष्य भेदने में हुई चूक की जांच करेगी भारतीय वायुसेना
आयरन फीस्ट के दौरान लक्ष्य भेदने में हुई चूक की जांच करेगी भारतीय वायुसेना
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नई दिल्ली : 18 मार्च को पोखरण में भारतीय वायुसेना द्वारा आयोजित किए गए आयरन फीस्ट के दौरान दो लक्ष्यों को भेदने में चुक जाने का सूक्ष्म मूल्यांकन करेगी। मिराज-2000 लड़ाकू विमान द्वारा अमेरिका निर्मित लेजर गाइडेड बम को एक पूर्व निर्धारित लक्ष्य पर गिराया गया। इस लक्ष्य को दुश्मन की रडार साइट माना गया और इसे 3एन नाम दिया गया। दूसरी ओर सोवियत रुस निर्मित ओएसए एके-एम सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम भी अपने टारगेट को नहीं भेदने में चूक गया।

हांलाकि इसका कारण फ्यूज का काम न करना बताया जा रहा है। नियंत्रित परिस्थितियों में हथियारों का लक्ष्य को नहीं भेदना चिंता का विषय है लेकिन वायुसेना के सूत्रों का कहना है कि हथियारों में से 10 फीसदी के काम नहीं करने की संभावना, रणनीतिक प्लानिंग प्रक्रिया में शामिल रहता है। भारतीय वायुसेना की प्रवक्ता ने विंग कमांडर रोशेल डिसिल्वा के हवाले से रिपोर्ट में बताया कि जैसी उम्मीद थी हथियारों ने वैसा ही प्रदर्शन किया।

103 लड़ाकू विमानों के अलावा 17 ट्रांसपोर्ट विमान व 59 होलीकॉप्टर होंगे। फाइटर प्लेन में सुखोई-30, मिराज-2000, मिग-29 और एलसीए तेजस होंगे और परिवहन विमान में सी-130, सी-17 और हेलीकॉप्टर में पहली लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर फायरिंग की जाएगी।

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