वॉशिंगटन : अमेरिका में राष्ट्रपति पद की दावेदारी में सबसे आगे चल रहे बिजनेसमैन डोनाल्ड ट्रंप के क्रिश्चियन होने पर सवाल उठ रहे है और ये कोई और नहीं बल्कि इसाई धर्म गुरु पोप फ्रांसिस उठा रहे है। पोप का मानना है कि ट्रंप इसाई हो ही नहीं सकते। पोप ने अपनी नाराजगी ट्रंप के उस बयान पर जताई है, जिसमें उन्होने कहा था कि आव्रजन रोकने के लिए अमेरिकी-मेक्सिको सीमा पर एक दीवार बनाया जाना चाहिए।
इस बयान के जवाब में रिपब्लिकन पार्टी के उउम्मीदवार ट्रंप ने भी अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। गुरुवार को एक सप्ताह बाद मेक्सिको से वेटिकन लौटे पोप ने कहा कि क्या कोई अच्छा कैथोलिक ट्रंप को वोट देगा। दुनिया भर में पोप के 1.2 अरब अनुयायी है, पोप ने कहा कि ये फैसला मैं लोगों पर छोड़ता हूँ। ट्रंप के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पोप ने कहा कि ईश्वर का शुक्रगुजार हू कि उसने मुझे नेता कहा है।
चूंकि धर्म में इंसान को एक राजनीतिक जानवर बताया गया, इस लिहाज से मैं कम से कम एक इंसान तो हूं। पोप के बयान पर ट्रंप ने कहा कि एक धर्म गुरु का लोगों की आस्था पर सवाल करना शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि उन्हें ईसाई होने का गर्व है। बतौर राष्ट्रपति वह ईसाइयत पर हमले नहीं होने देंगे और उसे कमजोर नहीं पड़ने देंगे।