यहाँ आर्थिक तंगी से जूझ रही महिलाएं बनी 'सरोगेट मदर्स और एग डोनर्स'
यहाँ आर्थिक तंगी से जूझ रही महिलाएं बनी 'सरोगेट मदर्स और एग डोनर्स'
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हैदराबाद: लॉकडाउन के बाद से कई लोगों के लिए आर्थिक समस्या खड़ी हो गई है. इस समय कई लोग ऐसे हैं जो आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में कई महिलाएं और लडकियां हैं जो अपने काम से हाथ धो बैठीं हैं. वहीं हैदराबाद में भी ऐसा ही हुआ है. ऐसे में अब कई सारी लड़कियों और महिलाओं ने खाली समय का उपयोग करने के लिए नया काम चुना है. मिली जानकारी के मुताबिक इन्फर्टिलिटी क्लिनिक्स में जा रहीं युवा महिलाओं की नई वर्क प्रोफाइल सामने आई है जो है- 'सरोगेट मदर्स या एग डोनर्स.'

मिली जानकारी के तहत इन महिलाओं की उम्र 25 से 35 साल है और ईएमआई, पैरंट्स, घर की जिम्मेदारी के लिए उन्होंने निसंतान दंपतियों की मदद करने का कदम उठाया है. वहीं मिली जानकारी के तहत उन्होंने यह काम अच्छे पैसे कमाने के लिए किया है और उन्हें इसके लिए बेहतरीन भुगतान भी मिल रहा है. जी दरअसल बताया गया है कि सामान्य तौर पर एक सरोगेट मदर को 5 लाख रुपये मिल रहे हैं और एग डोनर को 75 हजार से एक लाख रुपये तक मिल रहे हैं. इसके अलावा सरोगेट मदर्स के खाने और दवाइयों के अतिरिक्त खर्चे का भार भी संबंधित दंपति उठा रहे हैं. हाल ही में एक साल पहले ही हैदराबाद में आकर एक नामी होटल में जॉब करने वाली 25 साल की मीरा ने इस बारे में बात की.

उन्होंने एक वेबसाइट से कहा, 'इस पैसे से मेरा अगले साल तक का खर्च चल जाएगा. लेकिन एक बार लॉकडाउन लगने की वजह से 45 हजार रुपये प्रति महीने की मेरी सैलरी अचानक से कटकर महज कुछ हजार रुपयों की ही रह गई. हमें यह भी नहीं पता कि वापस काम पर बुलाया जाएगा या नहीं.' इसके अलावा उन्होंने कहा, 'बैंक भी पेमेंट के लिए मेरे पीछे पड़े हुए हैं. मेरा परिवार मुझपर ही निर्भर है. जॉब पर संकट की स्थिति में पैसा कमाने का यह मौका मिला, जिससे मैं पीछे नहीं हट सकती हूं. कम से कम यह अनैतिक तो नहीं है. लेकिन अभी तक मैंने घर पर यह बात नहीं बताई है.''किसी ने मदद नहीं की, अब परवाह नहीं.' ऐसी कई महिलाओं की कहानी है जो हैरान कर रही है.

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