म्यांमार ऑपरेशन के पीछे अजीत डोभाल
म्यांमार ऑपरेशन के पीछे अजीत डोभाल
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नई दिल्‍ली : इराक में फंसे भारतीयों को घर लाने का ऑपरेशन हो, या सीमा पर या फिर हाल ही में पूर्वोत्‍तर में उग्रवादियों द्वारा सेना के 18 जवानों को मार देने के बाद मंगलवार को सेना द्वारा म्‍यांमार में जाकर उग्रवादियों को मुंहतोड़ जवाब देने की कार्रवाई हो ,इन सब में अजीत डोभाल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ये देश के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी भी माने जाते है। डोभाल एक ऐसे शख्‍स हैं, जिन्‍हें देश की आंतरिक और बाह्य दोनों ही खुफिया ऐजेंसियों में लंबे समय तक जमीनी स्‍तर पर काम करने का अच्छा खासा अनुभव है। और वे देश में चलाए गए कई सफल सुरक्षा ऑपरेशन में मुख्‍य भूमिका निभा चुके हैं।

डोभाल साल 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे हैं। जनवरी 2005 में खुफिया ब्यूरो के प्रमुख के पद से रिटायर्ड हुए थे।वे केरल कैडर से 1968 में आईपीएस अधिकारी के रूप में चुनकर आए हैं। कुछ साल वर्दी में बिताने के बाद, डोभाल ने 33 वर्ष से अधिक समय खुफिया अधिकारी के तौर पर नोकरी की और इस दौरान वह पूर्वोत्तर, जम्मू कश्मीर और पंजाब में तैनात रहे।

30 मई 2014 को पांचवे राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में चुनकर आए अजीत डोभाल इससे पहले विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के डायरेक्‍टर के पद पर तैनात थे। वे मोदी के करीबी माने जाते हैं। डोभाल मोदी के पसंदीदा क्‍यों है, यह उनके द्वारा किए गए सफल ऑपरेशन का ग्राफ देखकर ही पता चलता है। आइए एक नजर डालते हैं देश के इस सुरक्षा दूत की उपलब्धियों पर।

अजीत डोभाल के सराहनीय कार्य

1- डोभाल साल 1999 में कंधार ले जाए गए इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी 814 के अपहरणकर्ताओं के साथ मुख्य वार्ताकार थे।

2- डोभाल ने पाकिस्तान और ब्रिटेन में राजनयिक जिम्मेदारियां भी संभालीं और फिर करीब एक दशक तक खुफिया ब्यूरो की ऑपरेशन शाखा का लीड किया। 

3-डोभाल की सबसे बड़ी उपलब्धि । मिजोरम में उन्‍हें उग्रवाद निरोधक अभियान चलाकर मिजोराम उग्रवादी नेता लालदेंगा को वार्ता के लिए मजबूर करना था।

4.  वे 1989 में  अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों का सफाया करने के लिए चलाए गए ऑपरेशन ब्लैक थंडर में पंजाब पुलिस और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के साथ मिलकर खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों के दल के मुखिया थे ।

5-डोवाल ने वर्ष 1991 में खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट द्वारा अपहरण किए गए रोमानियाई राजनयिक लिविउ राडू को बचाने की सफल योजना बनाई थी। 

6- हाल ही में 4 जून को मणिपुर के चंदेल गांव में उग्रवादियों के हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद पूर्वोत्‍तर में सेना के चलाए गए अभियान में भारतीय सेना ने पहली बार सीमा पार म्यांमार में कार्रवाई कर उग्रवादियों को मार गिराया। सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना ने म्यांमार की सेना और NSCN खाप्लांग गुट के बागियों सहयोग से ऑपरेशन चलाया, जिसमें करीब 30 उग्रवादी मारे गए हैं।

26 मई को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के सत्‍ता मे कामकाज संभालते ही देश में कई बदलाब किए।जिनमे से एक परिवर्तन राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तौर पर अजीत डोभाल की नियुक्ति का भी था। 

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