गायों के संरक्षण को लेकर हिमाचल उच्च न्यायालय ने दिए केंद्र सरकार को निर्देश
गायों के संरक्षण को लेकर हिमाचल उच्च न्यायालय ने दिए केंद्र सरकार को निर्देश
Share:

शिमला : हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने अपने एक निर्णय में केंद्र सरकार को आदेश देते हुए कहा है कि वह गाय काटे जाने, गाय के मांस को आयात करने और निर्यात करने के ही साथ बीफ और बीफ प्रोडक्ट्स को देशभर में बेचने से जुड़े कानून पर करीब 3 माह में निर्णय ले। इस दौरान न्यायालय ने केंद्र सरकार को कहा कि वे राज्य सरकार को आवारा गाय को शरण और चारा देने के लिए फंड उपलब्ध करवाए और उनके संरक्षण के लिए आवश्यक योजना बनाए। 

न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर की बेंच ने हिमाचल प्रदेश गौवंश रक्षण संवर्धन परिषद की याचिका पर सुनवाई की। जिसमें कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिए कि इस बारे में कानूनों का अध्ययन किया जाए। न्यायालय ने कहा कि यूनियन सचिव 6 जनवरी की सुनवाई से पूर्व आवश्यक अनुपालन शपथपत्र दाखिल करे।

न्यायालय ने इस दौरान कहा कि गायों और आवारा पशुओं को शरण देने हेतु गोसदन तैयार करने या इसके लिए फंड जारी करने के निर्देश दिए। न्यायालय ने हिमाचल के डेप्युटी कमिश्नर्स से आदेशों के पालन को लेकर तीन माह के अंदर हलफनामा दायर करने को कहा। कोर्ट द्वारा यह भी कहा गया कि आवारा पशुओं के दुर्घटना में घायल होने की बातें बढ़ रही हैं और जानवर गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं। 

उल्लेखनीय है कि देशभर में बीफ को प्रतिबंधित किए जाने की मांग की जाती रही है वहीं दूसरी ओर बीफ विक्रय पर प्रतिबंध किए जाने पर विरोध में आवाज़ भी उठती रही है। दूसरी ओर न्यायालयों द्वारा गौ हत्या को लेकर अपने निर्णय दिए जा रहे हैं। इस दौरान यह बात भी सामने आई है कि न्यायालयों ने गौ हत्या को लेकर प्रतिबंध लगाने के ही निर्णय दिए हैं। हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के बाद इस तरह की बात सामने आई है कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय भी गौ संरक्षण के पक्ष में है। 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -