इस तरह किसी भी भूत प्रेत को अपने बस में कर सकते हैं आप
इस तरह किसी भी भूत प्रेत को अपने बस में कर सकते हैं आप
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तंत्र-साधना करना सभी के बस की बात नहीं होती है लेकिन तंत्र साधना करने के बाद आप किसी को भी अपने बस में कर सकते हैं. ऐसे में  कहा जाता है तंत्र विज्ञान का क्षेत्र असीम संभावनाओं से भरा पड़ा है और इसके अनुसार दुनिया में ऐसा कुछ नहीं जिसे असंभव कहा जा सके. वहीं तंत्र की दुनिया में कुछ भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और वहां एक से बढ़कर एक विधान और अचूक प्रयोगों के पीछे छुपे हैं कई अविश्वसनीय रहस्य. तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे ही अविश्वसनीय और रहस्यमयी साधनाओं के बारे में जिनमें भूत-पिशाच जैसी शक्तियां इंसान की दास हो जाती हैं. आइए जानते हैं. 


साधना के नियम - कहा जाता है यह सभी साधनाएं एकांत में या किसी विशेष स्थान पर की जाती हैं और गुरु के बिना इस तरह की साधनाएं नहीं की जाती हैं। इसी के साथ इस साधना में साफ-सफाई रखना और ब्रह्मचर्य का पालन बहुत जरूरी होता है और साधना में खुद के हाथों से बना भोजन ही करना होता है. वहीं चमड़े के सामानों का उपयोग करना पूरी तरह वर्जित होता है इस साधना में. वहीं साधना के दौरान मांस, मदिरा व किसी भी तरह का नशा करने पर साधना फलीभूत नहीं होती है. कहते हैं यह परिस्थितियां प्रेत पीड़ा का अवसर बनाती हैं जैसे -गंदा रहना, स्नान न करना, गंदे वस्त्र पहनना, गंदे स्थान पर निवास, झोंपड़ी बनाना, रास्ते चलते खाना, खाने के बाद हाथ-मुंह न धोना आदि. वहीं कहा जाता है खाली मकान, गंदे स्थान, एकांत स्थान, पीपल के पेड़ के पास, अकौड़े के पौधे के पास जाना, रहना या इन स्थानों का गंदगी करके अपमान करना भी इस दौरान गलत माना जाता है.

वहीं भूतों को इत्र, सुगंधित पदार्थ लगाकर या लेकर बाहर निकलना, राह चलते मीठी वस्तु खाते रहना- उन्हें शीघ्र आकर्षित करती हैं क्योंकि उसे ये वस्तुएं बहुत पसंद हैं. इसी के साथ किसी सुंदर स्त्री या पुरुष के बन-ठन कर घूमने-फिरने जाना तथा एकांत स्थान से दोपहर अथवा संध्या समय निकलना और इससे विपरीत लिंग का प्रेत आकर्षित होकर अपनी मृत्यु के समय अतृप्त काम पिपासा को शांत करना चाहता है. 

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