हिंदू धर्म में मां गायत्री को पंचमुखी माना गया है. पृथ्वी पर प्रत्येक जीव के भीतर गायत्री प्राण-शक्ति के रूप में विद्यमान है. यही कारण है गायत्री को सभी शक्तियों का आधार माना गया है गायत्री मंत्र को जगत की आत्मा माने गए साक्षात देवता सूर्य की उपासना के लिए सबसे सरल और फलदायी मंत्र माना गया है.
यह मंत्र निरोगी जीवन के साथ-साथ यश, प्रसिद्धि, धन व ऐश्वर्य देने वाली होती है. अगर आपको गायत्री मंत्र का अधिक लाभ चाहिए तो इसके लिए गायत्री मंत्र की साधना विधि विधान और मन, वचन, कर्म की पवित्रता के साथ जरूरी माना गया है. सुबह सूर्योदय या ब्रह्ममुहूर्त में गायत्री मंत्र का जप ऐसी ही कामनाओं को पूरा करने में बहुत शुभ व असरदार माना गया है गायत्री मंत्र जप के लिए सुबह का समय श्रेष्ठ होता है. किंतु यह शाम को भी किए जा सकते हैं.
1-गायत्री मंत्र के लिए स्नान के साथ मन और आचरण पवित्र रखें. किंतु सेहत ठीक न होने या अन्य किसी वजह से स्नान करना संभव न हो तो किसी गीले वस्त्रों से तन पोंछ लें.
2-कुश या चटाई का आसन बिछाएं.
3-गायत्री मंत्र जप के लिए सुबह का समय श्रेष्ठ होता है, किंतु यह शाम को भी किए जा सकते हैं