बच्चो के लिए एजुकेटेड होना जितना ज्यादा जरुरी है. उतना ही बच्चो को नॉलेज होना भी जरुरी है. अब बच्चो को एजुकेशन के साथ – साथ उनके शारीरिक संरचना की जानकारी भी स्कूल में प्रोवाइड की जानी चाहिए. जब बच्चा 12 साल का हो जाता है तो माता – पिता को अपने बच्चो से सभी विषय में बात करनी चाहिए.
बात जब सेक्स एजुकेशन की आती है तो कोई भी बच्चो से इस विषय में पूर्ण रूप से बात नही करता है उनसे बचने की कोशिश करते है और बहाना ढूँढ़ते है. वास्तव में सेक्स एक शारीरिक संभंध ही नही होता है. बच्चो को अपने प्राइवेट पार्ट्स के बारे में जानकारी होना बहुत जरुरी होता है. बच्चा जब 4 या 7 साल का होता है वह पूछ सकता है उसके पास अलग सुसु है और दीदी के पास क्यों नहीं है. इन सभी बातों का हमे जवाब सही तरीके से देना चाहिए.
जब बच्चा टीनएज में प्रवेश करता है तो आपको उस समय तक खुद को उसके साथ सेक्स एजुकेशन के बारे में बात करने के लिए तैयार कर लेना चाहिए. जब बच्चा 4 या 5 साल का होता है और वो यह सवाल करता है की मैं कहाँ से आया हूँ तो आप पेट की और ईशारा करके बता देंगे की पेट से आया है. लेकिन अगर यही बात कोई 10 या 12 साल का बच्चा पूछता है तो आपका जवाब अलग होगा. उम्र के साथ जवाब में बदलाव आने लगता है. और यह बदलाव बहुत जरुरी होता है क्योंकि बच्चो को अपनी उम्र के साथ हर विषय की पूरी मिलनी चाहिए.