दुनियाभर के सभी दुःखों का अंत निश्चित है. ऐसे में श्री कृष्णा के भक्तों के लिए कुछ भी दुःखभरा नहीं है और समस्त भगवानों में श्रीकृष्ण को उनके रूप और श्रृंगार के कारण जाना जाता है. जी हाँ, श्री कृष्णा के जन्मदिन को जन्माष्टमी के नाम से मनाया जाता है और यह जन्माष्टमी इस बार 24 अगस्त को आने वाली है. ऐसे में कृष्णा की भक्ति का सबसे खूबसूरत तरीका उनका शृंगार है. जी हाँ, अगर हर दिन उनका मनभावन श्रृंगार किया जाए तो वह बहुत खुश हो जाते हैं और अपने भक्त को जो वह चाहता है वह दे देते हैं. इसके बारे में एक श्लोक है.
श्लोक - ॥ कृष्णःकर्षति आकर्षति सर्वान जीवान् इति कृष्णः॥
॥ ओम् वेदाः वेतं पुरुषः महंतां देवानुजं प्रतिरंत जीव से॥
वैसे तो जन्माष्टमी के दिन तो हर भक्त भगवान को सजाता है लेकिन अगर जन्माष्टमी से लेकर हर दिन कान्हा का श्रृंगार बदला जाए तो 40 दिन में जीवन में आ रहे दुःख सुख में बदल जाते हैं और जो काम नहीं हो रहा है वह होना शुरू हो जाता है. जी हाँ, कहते हैं भगवान श्रीकृष्ण का पूजन त्रिकाल संध्या करना चाहिए और भगवान राधा-कृष्ण को हर दिन अलग-अलग वस्त्र पहनने चाहिए. आइए जानते हैं हर दिन के अनुसार उनके वस्त्र.
सोमवार को चमकीले सफेद वस्त्र,
मंगलवार को लाल,
बुधवार को हरा,
गुरुवार को पीला,
शुक्रवार को बादामी और सुनहरा,
शनिवार को नीला एवं
रविवार को नारंगी रंग के वेस्ट पहनने से जीवन सफल हो जाता है.
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