आईपीएल में क्रिकेट के खेल जितना आकर्षण ही चियर्स लीडर्स का भी है. ये इस खेल का अहम् हिस्सा हो चुकी है. भारत में आईपीएल का पहला कदम चीयरलीडर्स भी साथ लाया, जिसने दर्शकों का एक अलग अंदाज में मनोरंजन किया. बल्लेबाज छक्के या चौके लगाए या फिर गेंदबाज विकेट उड़ाए, चीयरलीडर्स ने अपने लटके झटकों से दर्शकों का मन बहलाया. लेकिन सवाल ये है कि आखिर चीयरलीडर्स बना कैसे जाए, और इसके लिए आपको क्या-क्या करना होगा. साथ ही एक चियर्स लीडर्स का भविष्य क्या है?
विदेश में चीयरलीडिंग एक स्पोर्ट्स माना जाता है. अमेरिका, ब्रिटेन, मेक्सिको, फ्रांस, रूस, साउथ अफ्रीका, जैसे देशों में लड़कियां स्कूल के दौरान ही इस खेल में हाथ आजमाती हैं और फिर आगे इसे करियर के तौर पर चुनती हैं. चीयरलीडिंग के लिए आपको अच्छा डांस आना बेहद जरूरी है. साथ ही आपकी फिटनेस भी अच्छी होनी चाहिए. बिना फिटनेस के आप चीयरलीडर्स जैसे मूव्स कर ही नहीं सकते.
भारत में चीयरलीडर बनने के लिए को इंस्टिट्यूट नहीं है, कोई ऐसी जगह नहीं है जहां इस काम को सीखा जा सके. इंडियन प्रीमियर लीग में चीयरलीडर्स की एंट्री मुंबई की कुछ एजेंसियों के जरिए होती हैं. आईपीएल से इनका टाईअप होता है और ये अच्छा डांस करने वाली लड़कियों को इस काम के लिए चुनते हैं. वैसे तो ज्यादातर फ्रेंचाइजियां विदेशी लड़कियों को इस काम के लिए चुनते हैं लेकिन कुछ टीमें भारतीय लड़कियों को भी चीयरलीडर्स के तौर पर हायर करती हैं. इन चीयरलीडर्स को 15 से 30 हजार रु. प्रति मैच दिए जाते हैं साथ ही टीम की जीत और ऐड शूट्स के अलग से पैसे दिए जाते हैं.
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