निर्भया कांड से हुए थे ये बड़े बदलाव, आज हुए 9 साल पूरे
निर्भया कांड से हुए थे ये बड़े बदलाव, आज हुए 9 साल पूरे
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निर्भया कांड को आज 9 साल पूरे हो गए हैं। यह एक ऐसी घटना थी जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। यह घटना 16 दिसंबर 2012 की रात को हुई थी और इस खौफनाक घटना के बाद सोशल मीडिया पर एक आंदोलन ख़ड़ा हो गया था। केवल यही नहीं बल्कि कुछ समय बाद ही ये आंदोलन सड़कों पर आ गया था। देखते ही देखते जनता का गुस्सा उबाल खाने लगा और उसे देखकर सरकार भी हरकत में आई और तब देश में महिलाओं के साथ होने वाली बलात्कार जैसी घटनाओं को लेकर कानून बदला गया और साथ ही साथ ही समाज में भी बदलाव देखने को मिला। आप सभी को बता दें कि निर्भया कांड के बाद पूरे देश में बलात्कारियों के खिलाफ कानून को सख्त बनाने की मांग ने जोर पकड़ा था।

निर्भया कांड के तीन माह के भीतर बलात्कार और महिलाओं के यौन उत्पीड़न से जुड़े कानूनों की समीक्षा की गई, जी हाँ और उनमें फेरबदल कर उन्हें सख्त बनाया गया। आपको बता दें कि निर्भया कांड में शामिल एक दोषी वारदात के वक्त नाबालिग था। इसी के चलते सजा-ए-मौत से वह बच गया। उसके बचने के बाद ही 16 से 18 साल की उम्र वाले अपराधियों को भी वयस्क अपराधियों की तरह देखने और सजा देने का फैसला लिया गया था।

आप सभी को बता दें कि निर्भया कांड में शामिल नाबालिग आरोपी को जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत तीन साल से ज्यादा की सजा नहीं हो सकती थी, इसके बाद यह बहस होने लगी कि ऐसी खौफनाक वारदात में शामिल बलात्कारी को केवल तीन साल में कैसे छोड़ा जा सकता है। उस समय केंद्र सरकार ने ऐसे अपराधों में शामिल नाबालिगों को वयस्क के तौर पर देखे जाने और सजा देने का अहम बिल सदन में पेश किया था और उस बिल को संसद में पास कर दिया गया था।

आप सभी को बता दें कि निर्भया कांड के बाद केंद्र सरकार ने निर्भया फंड की स्थापना की थी। निर्भया निधि में सरकार ने 1000 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया। यह फंड दुष्कर्म की पीड़ितों और उत्तरजीवियों के राहत और पुनर्वास की योजना के लिए बनाया गया था। वहीं इसके आलावा निर्भया काण्ड के बाद पीड़ित के परिवार ने खुद सामने आकर लोगों से आह्वान किया था कि रेप पीड़ित या यौन उत्पीड़न का शिकार होने वाली महिलाएं अपनी पहचान छिपाने की बजाय सामने आकर गुनाहगारों का पर्दाफाश करें। ऐसा होने के बाद कोर्ट में भी माहौल बदल गया। दुष्कर्म पीड़िताओं को लेकर संवेदनशीलता बढ़ गई।

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