'ओमिक्रॉन' के मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों की आई नई रिपोर्ट, बताया मौत का कितना है खतरा
'ओमिक्रॉन' के मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों की आई नई रिपोर्ट, बताया मौत का कितना है खतरा
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नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के केस रफ़्तार से बढ़ रहे हैं. इस बीच दक्षिण अफ्रीका के ओमिक्रॉन एपिसेंटर में एक बड़े हॉस्पिटल का आरभिंक डेटा बताता है कि यहां कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़ा है, मगर रोगियों को गंभीर तौर पर मेडिकल सहायता की कम ही आवश्यकता पड़ रही है. प्रीटोरिया में द स्टीव बाइको तथा श्वाने जिला हॉस्पिटल ने 14 से 29 नवंबर के बीच 166 नए केस दर्ज किए थे, जिनमें से 42 रोगी अभी भी वॉर्ड में एडमिट हैं. साउथ अफ्रीकन मेडिकल रिसर्च काउंसिल तथा स्टीव बाइको हॉस्पिटल में इंफेक्शियस डिसीज डॉक्टर फरीद अब्दुल्लाह ने इन रोगियों में नजर आ रहे लक्षणों एवं उनके हालात को बारीकी से ऑब्जर्व किया है. नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्यूनिकेबल डिसीज ने पुष्टि की थी कि एपिसेंटर में तकरीबन सभी नए मामले ओमिक्रॉन वैरिएंट के हैं. हालांकि, डॉ. अब्दुल्ला एवं उनकी टीम अभी ये साक्ष्य नहीं जुटा पाई है कि वायरस के सभी नए केस ओमिक्रॉन वैरिएंट के हैं. डॉक्टर अब्दुल्ला ने कहा, मगर फिर भी एक तार्किक अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस डेटा से संबंधित मामले नए वैरिएंट के संक्रमण के हो सकते हैं.

कैसे थे मरीजों के लक्षण और हालात?
रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 वॉर्ड में एडमिट ज्यादातर रोगियों को ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं पड़ी, जैसा कि पिछली लहर में देखा गया था. 2 दिसंबर को कुल 38 रोगियों को एडमिट किया गया था. इन 38 वयस्कों में से 6 वैक्सीनेटेड, 24 अनवैक्सीनेटेड तथा 8 ऐसे लोग थे जिनके टीकाकरण स्टेटस की कोई जानकारी नहीं थी. पूर्ण रूप से वैक्सीनेट सिर्फ एक व्यक्ति को ही ऑक्सीजन पर रखा गया. हालांकि, फेफड़ों में पल्मोनरी डिसीज के चलते उपचार की आवश्यकता पड़ी. इन दो हफ़्तों के अंदर 2 व्यक्तियों को इनटेंसिव केयर में रखने की आवश्यकता पड़ी.

कोविड वॉर्ड में एडमिट रोगियों में लगभग 19 प्रतिशत 9 वर्ष से अधिक आयु के बच्चे थे. जबकि 28 फीसद रोगियों की आयु 30 से 39 वर्ष के बीच थी. कोविड वॉर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, बीते दो हफ़्तों में यहां किसी मरीज की मौत नहीं हुई. बता दें कि बीते 18 महीनों में हुई कुल मौतों में बच्चों की भागेदारी 17 फीसद है. यहां अब तक कुल 10 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है. हालांकि, इसकी वजह ओमिक्रॉन नहीं मानी जा रही है. 

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