निर्भया केस : और कितनी निर्भया चाहिए मजबूत कानून बनाने के लिए
निर्भया केस : और कितनी निर्भया चाहिए मजबूत कानून बनाने के लिए
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नई दिल्ली : निर्भया कांड के नाबालिग आरोपी की रिहाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी कुछ न किए जाने से खफा निर्भया के परिजनों ने कहा कि अदालतों ने हमें निराशा दी है। उन्होने कहा कि इस कानून को बदलने के लिए कितने निर्भयाओं की जरुरत है। पीड़िता की मां आशा देवी ने कहा कि व्यवस्था के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आहत आशा देवी ने कहा कि न्याय मिलने तक विरोध जारी रहेगा। रोते हुए वो बोली कि पहले ही पता था कि यही होगा।

पीड़िता के पिता ने कहा कि हमें उम्मीद नही थी कि सुप्रीम कोर्ट हमारे पक्ष में फैसला सुनाएगी, लेकिन मैं पूछना चाहता हूँ कि कानून में बदलाव के लिए कितनी निर्भयाओं की जरुरत होगी। अदालत को जनता की कोई चिंता नही है। यह लड़ाई केवल निर्भया के लिए नहीं बल्कि एक देश में असुरक्षित उन सभी लड़कियों के लिए है जहां इस तरह के कानून हैं। पीड़ित की मां ने कहा कि जब तक कानून में बदलाव नहीं लाया जाता तब तक वह लड़ाई जारी रखेंगी।

पीड़िता की मां ने यह भी कहा कि मैं हारुंगी नही। उच्चतम न्यायलय का फैसला मुझे नही रोक सकता। उन्होने कहा कि कोर्ट ने कहा कि किशोर को सजा नही दी जा सकती लेकिन कोई बताए कि अन्य दोषियों के खिलाफ मामला अब भी लंबित है। अब तक उन्हें फांसी क्यों नही दी गई। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष भी बौखला उठी और कहा कि बहुत हो गई मोमबतियाँ अब मशाल लेकर निकलना होगा।

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