हर विषय में 100% मार्क्स कैसे ले आते हैं केरल के सभी छात्र ?
हर विषय में 100% मार्क्स कैसे ले आते हैं केरल के सभी छात्र ?
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कोच्ची: दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) की जारी प्रवेश की प्रक्रिया में केरल बोर्ड ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन के छात्रों का वर्चस्व देखने को मिल रहा है। इसको लेकर दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर राकेश कुमार पांडेय ने सवाल उठाए हैं और इसे ‘मार्क्स जिहाद‘ बताया है। किरोड़ीमल कॉलेज में फिजिक्स के प्रोफेसर राकेश पांडेय ने कहा कि बीते कुछ वर्षों से वामपंथी-जिहादी साजिश के तहत केरल के छात्रों की DU में घुसपैठ करवाई जा रही है। उन्होंने दावा करते हुए कहा है कि केरल बोर्ड अपने विद्यार्थियों को 100 प्रतिशत मार्क्स देता है, जिससे DU में दाखिला आसान हो जाता है। 5 अक्टूबर को की गई एक फेसबुक पोस्ट में राकेश पांडेय ने कहा था कि, 'एक कॉलेज को सिर्फ 20 सीटों वाले पाठ्यक्रम में 26 विद्यार्थियों को दाखिला देना पड़ता है, क्योंकि उन सभी को केरल बोर्ड से 100 प्रतिशत मार्क्स मिले थे। पिछले कुछ सालों से केरल बोर्ड #Marksjihad लागू कर रहा है।'

हालांकि, प्रोफेसर राकेश पांडेय का सवाल भी जायज़ नज़र आता है, क्योंकि केरल से DU आने वाला हर छात्र, हर विषय में 100 प्रतिशत मार्क्स लाए, ये बात आसानी से हर किसी के गले नहीं उतरती। जहां तक प्रतिभा का सवाल है, तो देश में ऐसे कई छात्र हैं, जिन्होंने परीक्षाओं में अद्भुत प्रदर्शन किया है। लेकिन इतिहास, गणित, भूगोल, बायोलॉजी आदि हर विषय में 100 में से पूरे 100 मार्क्स लाना और वो भी किसी एक विद्यार्थी के नहीं, बल्कि DU में दाखिले के लिए फॉर्म भरने वाले वाले केरल के हर विद्यार्थी के 100 प्रतिशत मार्क्स होना, ये अवश्य जांच का विषय है। इस गड़बड़ी को पकड़ा दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर राकेश पांडेय ने, वे 2016 से ही इस बात पर गौर कर रहे थे, लेकिन उनकी बात यूनिवर्सिटी प्रशासन और मुख्यमंत्री तक ने खारिज कर दी, अब जब उन्होंने ये मुद्दा सोशल मीडिया पर उठाया है, तो हड़कंप मच गया और अब जाँच हो रही है। उनके बयान पर बहुत से वामपंथी और कांग्रेसी छात्र संगठनों, शिक्षकों और शशि थरूर जैसे नेताओं ने आपत्ति दर्ज कराते हुए उनके खिलाफ बर्खास्तगी जैसी कड़ी कार्रवाई की माँग की है। हालाँकि, इनमे से किसी ने ये नहीं कहा कि, इस मामले की जांच कराई जाए।  

राष्ट्रीय जनतांत्रिक शिक्षक मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष राकेश पांडेय ने चेतावनी देते हुए कहा कि आने वाले दिनों में यह देश की प्रमुख यूनिवर्सिटी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) जैसा हो जाएगा। उन्होंने JNU पर कब्जा कर ही लिया है और अब वे DU पर भी कब्जा कर लेंगे। पांडेय ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि, 'वामपंथी अपने वॉलेंटियर से एक यूनिवर्सिटी को पूरी तरह पैक करने के लिए प्रवेश प्रक्रिया में धांधली करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने JNU में दशकों तक सफलतापूर्वक ऐसा किया है।' उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस तरह के संगठित मिशनरी जिहादी और वामपंथी एजेंडे का फैलाव DU को तबाह कर देगा। प्रोफेसर ने कहा कि वह बीते तीन वर्षों से इस ट्रेंड पर नजर रख रहे हैं और ये देखा गया है कि DU में केरल के छात्रों का दबदबा निरंतर बढ़ रहा है और केरल बोर्ड से 100 प्रतिशत प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स की तादाद बढ़ती ही जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर कोई बोर्ड, प्रवेश प्रक्रिया पर हावी होना चाहता है, तो वह शत-प्रतिशत अंक देकर आसानी से ऐसा कर सकता है। प्रोफेसर का कहना है, 'मुझे लगता है कि इसके पीछे एक बड़ा मकसद है। कुछ लोग हैं जो अपने वॉलेंटियर को DU में भेजना चाहते हैं।' उन्होंने कहा कि उनका इशारा केवल अनुचित पेपर मूल्याँकन की तरफ है और मार्क्स जिहाद संदर्भित है।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार धर्म को फैलाने के मकसद से किया गया प्यार, 'लव जिहाद' है, उसी प्रकार वामपंथी विचारधारा फैलाने के लिए दिए जाने अंक ‘मार्क्स जिहाद’ हैं। प्रोफेसर ने कहा कि छात्रों के अंकों में अकथनीय वृद्धि और केरल बोर्ड से आवेदनों की तादाद में हो रही अप्रत्याशित बढ़ोतरी के पीछे की साजिश वैचारिक है, न कि किसी धर्म से प्रेरित। उन्होंने कहा कि वामपंथी हानिकारक हैं और देश के लिए बड़ा खतरा हैं। केरल के ‘राइसबैग’ स्टूडेंट्स DU के कैंपस में जहरीली विचारधारा और जिहाद का इंजेक्शन लगाएँगे। दरअसल, प्रोफेसर DU में वामपंथियों के आने से बार-बार होने वाली हड़तालों और परिसर में हिंसा की आशंका को लेकर चिंतित हैं। वह इस बात से हैरान हैं कि 100 प्रतिशत साक्षर राज्य और हार्वर्ड को पीछे छोड़ने वाली शिक्षा के बाद भी केरल के छात्र DU में क्यों आ रहे हैं। एक अन्य रिपोर्ट में भी इस बात पर संदेह जताया गया है कि 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में से यदि अकेला केरल प्रवेश में 95 प्रतिशत सीटों पर कब्जा कर लेता है, तो इसका अर्थ यह है कि राज्य में या तो सबसे बेहतर शिक्षा प्रणाली है या फिर कुछ राज्य का शिक्षा बोर्ड कुछ धांधली कर रहा है। इन सबके बाद ये सवाल भी उठ रहा है कि अगर केरल में शिक्षा का स्तर इतना ही उच्च है तो वहां के स्टूडेंट्स 2000 किमी दूर दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ने क्यों आ रहे हैं ? DU के प्रोफेसर को डर है कि इस तरह DU को भी JNU की तरह वामपंथ का अड्डा बनाने की साजिश रची जा रही है, जहां आए दिन हड़तालें होती हैं, भारत के टुकड़े करने के नारे लगते हैं और आतंकी अफजल गुरु की बरसी मनाई जाती है। 

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