जोड़ों में सूजन आना और सूजन के साथ-साथ उस स्थान पर दर्द होना अर्थराइटिस कहलाता है। अर्थराइटिस से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। अर्थराइटिस मे दर्द इतना तेज होता है कि व्यक्ति को चलने–फिरने मे बहुत परेशानी होती है और घुटनों को मोड़ने मे भी दर्द होता है। अर्थराइटिस से बचने के लिए जाने कुछ घरेलू नुस्खे
वजन घटाएं
मोटे व्यक्तियों मे अर्थराइटिस की समस्या आम होती है। अर्थराइटिस से बचने के लिए वजन घटना बहुत जरूरी होता है और ये आसान तरीका भी है। वजन बढ़ने के बाद कम करना आसान तो नही होता लेकिन अगर अर्थराइटिस से बचना है तो वजन कम करना बहुत जरूरी होता है।
अर्थराइटिस मे कब्ज से पाएं छुटकारा
रोगी को कुछ दिनों तक गुनगुना एनिमा देना चाहिए ताकि रोगी का पेट साफ रहें। कब्ज से छुटकारा पाना बहुत जरूरी होता है क्योंकि इससे अर्थराइटिस रोग की समस्या नही होती है।
पौष्टिक आहार लें
अर्थराइटिस की समस्या से छुटकारा पाने के लिए एंटीऑक्सीडेन्ट, विटामिन और पौष्टिक तत्वों से भरपूर ताजे फल और सब्जियों का रस पीना चाहिए। फूलगोभी का रस पीने से जोड़ो के दर्द मे राहत मिलता है। चुकंदर, गाजर, मौसमी, संतरा और लहसुन का रस पीना बहुत उपयोगी होता है, अर्थराइटिस रोगीयों के लिए।
मालिश करें
अर्थराइटिस रोगीयों को शरीर की मालिश और स्टीम बाथ लेना चाहिए इससे काफी लाभ मिलेगा। मालिश करने के लिए आप लहसुन के रस को कपूर में मिला के मालिश करें या फिर लाल तेल से मालिश करें इससे बहुत लाभ मिलेगा। जैतून के तेल से भी मालिश कर सकते है इससे दर्द कम हो जाएगा।