माइग्रेन के दर्द और सिर के दर्द में अंतर होता है. माइग्रेन का दर्द आजकल आम होता जा रहा है जो लाइफस्टाइल के बदले होता जा रहा है. आधे सिर का दर्द जब भी किसी को होता है तो उसकी हालत खराब हो जाती है. माइग्रेन एक गंभीर बीमारी है, जो आसानी से ठीक नहीं होती है. इसके अलावा लोगों का काम में मन नहीं लगता. इसके बावजूद भी लोग इसे हल्के में ले लेते हैं. इस बीमारी से जुड़ी राहत की बात यह है कि 60 साल की उम्र के बाद यह रोग नहीं होता है. यानी इसका प्रभाव बच्चों और युवाओं में ज्यादा रहता है. लेकिन इससे बचने के लिए आप कई उपाय कर सकते हैं.
माइग्रेन होने का कारण
वास्तव में माइग्रेन मस्तिष्क की धमनियों में सूजन और कुछ कुछ केमिकल्स के स्राव की वजह से होता है. इन केमिकल्स का स्राव एलर्जी, तनाव, मासिक धर्म या लंबे समय तक भूखे रहने से हो सकता है. इसके अलावा, खान-पान की बदलती आदतें भी इस बीमारी की वजह बन सकती है. कई बार हेरिडिटी और हाई ब्लड प्रेशर के कारण भी व्यक्ति माइग्रेन का शिकार हो जाता है. माइग्रेन का दर्द कभी भी और कहीं भी उठ सकता है.
इससे बचने के उपाय
रोज कम से कम 10 से 12 बादाम खाएं. यह माइग्रेन से निजात दिलाने का सबसे अच्छा उपाय है.
आप ध्यान, योगासन, एक्यूपंक्चर या अरोमा थेरेपी जैसी वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति का भी सहारा ले सकते हैं.
बंद गोभी को पीसकर इस पेस्ट को एक सूती कपडे में ठीक ढंग से बिछाकर माथे में बांधें. और जब पेस्ट सूखने लगे तो नया पेस्ट बनाककर पट्टी बांधें. इससे आपको सरदर्द से काफी फायदा मिलेगा.
एक तौलिये को गर्म पानी में डुबोकर, उससे दर्द वाले हिस्से पर सेंक दें. इसके अलावा ठंडा सेंक देने के लिए आप बर्फ के टुकड़ों का भी प्रयोग कर सकते हैं.
माथे में नींबू के छिलके का पेस्ट बना कर बांधें काफी आराम मिलेगा.
गाय का शुद्ध ताजा घी सुबह-शाम दो-चार बूंद नाक में रुई से टपकाने से माइग्रेन से काफी राहत मिलेगी.
गाजर का रस और पालक के रस को मिलाकर पीए. इससे आपको फायदा मिलेगा.
तुलसी के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर खाने के पहले या खाने का बाद सेवन करने से माइग्रेन में काफी लाभ होगा.
तो बिना जिम जाये भी आप बन सकते हैं हेल्दी और फिट