नींद में बड़बड़ाने की आदत एक बेहद खतरनाक आदत है, ये एक विकृत नींद की समस्या है जो न केवल रोगी को परेशानी का सबब बल्कि इससे घरवाले भी परेशां हो जाते है.वैसे नींद में बड़बड़ाने की ये समस्या मनोवैज्ञानिक अधिक है. और इससे निपटने के लिये दवाईयों के साथ मनोचिकित्सक परामर्श अधिक कारागर है.वैसे तो ये व्यवहार 3 से 10 साल की उम्र के बच्चों में यह सामान्य माना जाता है पर इसे कई बार वयस्कों में भी देखा गया है. नींद में बोलने की आदत को सपनों से जोड़ कर देखा जाता है जो पुरुष व महिलाओं दोनों में ही देखा जा सकता है. इसके अलावा मानसिक असंतुलन, भावनात्मक दबाव, कुछ दवाओं का प्रभाव, साथियों के द्वारा किया अभद्र व्यवहार , बचपन की कोई अप्रिय घटना, यौन शोषण, सदमा और बुखार के दौरान मूर्छा या अचेतना की वजह से भी नींद में बोलने की बीमारी को देखा जा सकता है.
नींद में बड़बड़ाने को बंद करने के कुछ घरेलु उपाय :-
1 नींद में बोलने की आदत से बचने के लिए पर्याप्त आराम ज़रूरी होता है. अपने दिमाग को पर्याप्त आराम का मौका दें और खुद भी रिलैक्स करें.
2 एरोमा थेरेपी नींद की समस्या को सुलझाने का एक आसान तरिका है. इसके प्रयोग से पहले चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें .
3 अगर ऑफिस के कामों से आप खुद को बहुत उलझा हुआ महसूस कर रहे हैं, तो कुछ दिनों के लिए काम से छुट्टी ले लें. या कहीं घूमने जाएँ, इससे आपके दिमाग को भी काफी आराम मिलेगा. इससे आपका तनाव कम होता है.
4 मैग्नेटिक थेरेपी, एकुपंचर, और योग इस समस्या का वैकल्पिक किन्तु कारागर उपाय है .
5 कई बार बहुत ज़्यादा कैफीन के सेवन से भी नींद में बोलने की समस्या होती है. इसके इलाज के लिए कैफीन की मात्रा कम करें. ज़्यादा चाय या कॉफी के सेवन से बचें.
6 किसी भी प्रकार की नशे की लत नींद की समस्या को उलझा सकती है.अतेव नशे से बचें .
कंही आपका बच्चा भी तो नहीं हो रहा इन्टरनेट एडिक्ट ?