1) शहद 200 ग्राम, मिश्री 200 ग्राम, गाय का घी 100 ग्राम, तीनो को मिला लें. 6-6 ग्राम दवा दिन में कई बार चटाऐं।ऊपर से गाय या बकरी का दूध पिलाऐं।टीबी रोग मात्र एक सप्ताह में ही जड़ से समाप्त हो जाएगा.
2) पीपल वृक्ष की राख 10 ग्राम से 20 ग्राम तक बकरी के गर्म दूध में मिला कर प्रतिदिन दोनो समय सेवन करने से यह रोग जड़ से समाप्त हो जाऐगा. इसमें आवश्यकतानुसार मिश्री या शहद मिला सकते हैं.
3) पत्थर के कोयले की राख (जो एकदम सफेद हो) आधा ग्राम, मक्खन मलाई अथवा दूध से प्रातः व सांय खिलाओं ये राम बाण है. टी.बी. के जिन मरीजों के फेफड़ों से खून आता हो उनके लिए यह औषधि अत्यंत प्रभावी है.
4) लहसुन का एलीसिन तत्व टीबी के जीवाणु की ग्रोथ को बाधित करता है. एक कप दूध में 4 कप पानी मिलाएं, इसमें 5 लहसुन की कली पीसकर डालें और उबालें, जब तरल चौथाई भाग शेष रहे तो आंच से उतार् लें, और ठंडा होने पर पी लें. ऐसा दिन में तीन बार करना है. दूसरा उपचार यह कि एक गिलास गरम दूध में लहसुन के रस की दस बूँदें डालें. रात को सोते वक्त पीएं.
5) रोज़ सुबह और शाम को जब पेट खाली हो, आधा कप प्याज का रस एक चुटकी हींग डाल कर पिए, एक सप्ताह में फर्क दिखेगा.