अयोध्या विवाद का फैसला जल्द, गृह मंत्रालय के आदेश राज्यों को किया जाए अलर्ट
अयोध्या विवाद का फैसला जल्द, गृह मंत्रालय के आदेश राज्यों को किया जाए अलर्ट
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काफी वक़्त से चल रहे अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर कड़ी नजर जमाये रखने को कहा है. जिसके बाद से ही अर्धसैनिक बल के 4,000 जवानों को एहतियातन उत्तर प्रदेश भेज दिए गए है. वही दूसरी ओर, आरपीएफ ने भी अपने सभी कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर 78 महत्वपूर्ण स्टेशनों की सुरक्षा-व्यवस्था का अलर्ट शुरू कर दिया है.

मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने  बीते गुरूवार को सभी राज्यों को भेजे सामान्य परामर्श में कहा है कि वे किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति नहीं बनेगी. सुरक्षा-व्यवस्था बनाने में यूपी सरकार की मदद के लिए 40 कंपनी अतिरिक्त अर्धसैनिक बल भेजे है. वही इनकी तैनाती खासतौर से अयोध्या सहित अन्य संवेदनशील स्थानों पर हो गई है. मिली जानकारी के अनुसार सीजेआई रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 को रिटायर हो जाएंगे. जंहा इस मुद्दे का फैसला उससे पहले आने की संभावना बनी हुई है.

अयोध्या में सुरक्षा कड़ी, सील हो रहीं गलियां-सड़कें: जानकारी है कि फैसले को लेकर अयोध्या में भी सुरक्षा एजेंसियां और प्रशासन मुस्तैद हो चुका है. वही बीते गुरुवार को अतिसंवेदनशील विवादित परिसर के पीछे मिश्रित आबादी वाले मोहल्लों की सड़कें-गलियां बल्लियों से सील कर हो चुकी है. जंहा से पैदल भी सड़क पर आने का रास्ता नहीं दिया गया है. ऐसा कहा जा रहा है कि लोग अपनी और परिवार की सुरक्षा के साथ ही खाने-पीने व जरूरत के सामान जुटाने में लगे है. हर चेकपोस्ट-बैरियर पर सघन तलाशी ली जा रही है.

भीड़भाड़ वाले 78 स्टेशनों की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है: सूत्रों का कहना है कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने सभी जोन कार्यालयों को भेजे सात पेज के परामर्श में प्लेटफॉर्म, स्टेशन, यार्ड, सुरंग, पुल, पार्किंग, वार्कशॉप की खास निगरानी रखने का आदेश है. संवेदनशील और ऐसे स्थानों की पहचान करने को कहा गया है, जहां असामाजिक तत्व विस्फोटक छिपा हो सकता है. वही आरपीआई की छूती रेड कर ट्रेनों की गस्त बढ़ा दी गयी है.

अयोध्या फैसले पर न जश्न हो न ही प्रदर्शन जस्टिस हेगड़े: अयोध्या मामले में फैसला आने से पहले कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एन संतोष हेगड़े ने अपील की कि इस फैसले पर न तो जश्न मनाया जाए और न विरोध-प्रदर्शन किया जाए। शीर्ष कोर्ट के पूर्व जज और पूर्व सॉलिसिटर जनरल ने हेगड़े ने कहा, पूरे देश को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करना होगा और इस पर विरोधाभासी विचारधारा नहीं होनी चाहिए.

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