Holi Puja Vidhi : जैसे जैसे होली का त्यौहार करीब आ रहा है, वैसे-वैसे इस दिन होली माता की ख़ास पूजा को लेकर कई पूजा विधियां सामने आ रही है. लेकिन आज हम आपको होली की जिस पूजा विधि के बारे में बताने जा रहे है इसका उल्लेख पुराणों में भी किया गया है. तो चलिये जानते है क्या है यह खास पूजा विधि :-
1. होलिका की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे गंगा जल या शुद्ध ताज़ा जल, रोली, माला, रंगीन अक्षत, गंध के लिये धूप या अगरबत्ती, पुष्प, गुड़, कच्चे सूत का धागा, साबूत हल्दी, मूंग, बताशे, नारियल एवं नई फसल के अनाज गेंहू की बालियां, पके चने आदि सामग्रियों को ले.
2. इसके अलावा होलिका दहन के पहले होलिका के पास गोबर से बनी ढाल के साथ चार मालाएं जरूर रख दे. ध्यान रहे इनमे एक माला पितरों के नाम की, दूसरी श्री हनुमान जी के लिये, तीसरी शीतला माता, और चौथी घर परिवार के नाम के लिए.
3. इसके बाद होलिका के चारो तरफ पूरी श्रद्धा के साथ परिक्रमा लगा कर कच्चे सूत के धागे को ध्यान से लपेटे.
4. 3 से 4 बार होलिका की परिक्रमा करना बेहद ही सुखद साबित होता है.
5. इसके पश्चात् शुद्ध जल के साथ बाकि सभी पूजन सामग्रियों को होलिका पर बारी-बारी चढ़ाए.
6. होलिका दहन के बाद अगले दिन प्रात काल सुबह जल्दी उठ कर पितरों और देवताओं का पूजन करें. इससे ना केवल सभी दोषो से मुक्ति मिलती है बल्कि साथ ही आयु की वृ्द्धि, आरोग्य की प्राप्ति तथा समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है.
इस तरह से होली की पूजा करना स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदायक नहीं होता है बल्कि साथ ही यह विधि आपको कई पापों से भी मुक्ति दिलवाती है.
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