दिल्ली : पिछले दिनों राजधानी दिल्ली में नाबालिक द्वारा तेज़ रफ़्तार मर्सिडीस से एक 32 वर्षीय व्यक्ति को टक्कर मार दी गयी थी. हादसे में व्यक्ति की मौत हो गयी थी. मामले में नाबालिग को मिली जमानत को दिल्ली की एक कोर्ट द्वारा बरक़रार रखा गया है.
गौरतलब है की हादसे के बाद आरोपी नाबालिग को जमानत मिल गयी थी. जिसके बाद पीड़ित के परिवार ने कोर्ट में जमानत के खिलाफ याचिका दायर की गयी थी. जिस पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है की, "फैसला करना बोर्ड का काम है कि बच्चे को कितने समय तक सुधार गृह में रखना है. इसलिए पीड़ित के परिवार के वकील की इन दलीलों में दम नहीं है कि किशोर को जमानत पर रिहा करने के लिए जमानत का आवेदन जरूरी शर्त है."
दिल्ली की एक अदालत के अनुसार याचिका बेवजह है. कानून की धारा-12 पढ़ने से साफ है कि नाबालिग को रिहा करने के लिए किसी आवेदन की जरूरत नहीं है और उसे रिहा करने के संबंध में विवेकाधिकार बोर्ड के पास है.