पुणे: पुणे के भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट में एक समारोह के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, इतिहास का उपयोग बेहतर समाज तथा राष्ट्र के निर्माण के लिए किया जाना चाहिए न कि गलती तलाशने के लिए। विवाद से किसी का कोई कल्याण नहीं होता है। उन्होंने कहा कि हमारा दुर्भाग्य है कि हमने इतिहास का उपयोग गलती खोजने के लिए किया। हम बेहतर भविष्य, समाज तथा देश के निर्माण के लिए इतिहास का इस्तेमाल करने में नाकाम रहे।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति तथा हमारा इतिहास बहुत समृद्ध है। बेहतर है कि इसका इस्तेमाल कुछ इस प्रकार किया जाए जिसेस राष्ट्र का निर्माण हो सके। गडकरी ने कहा कि भगवान महावीर, भगवान बुद्ध, रामायण तथा भगवद् गीता के दर्शन में समानता है, कमोवेश कुछ इसी प्रकार का दर्शन स्वामी विवेकानंद ने शिकागो धर्म सम्मेलन में रखा था। गडकरी ने कहा कि हमारे भारत की संस्कृति महान है तथा इसका इतिहास तथा विरासत जीवन मूल्यों से संबंधित है।
वहीं बृहस्पतिवार को नितिन गडकरी ने एक किस्सा सुनाते हुए कहा था कि एक बार उन्होंने उद्योगपति रतन टाटा से बोला था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ धर्म के आधार पर पक्षपात नहीं करता। उन्होंने कहा कि औरंगाबाद में एक हॉस्पिटल के उद्घाटन के चलते RSS के एक पदाधिकारी ने बोला था कि हॉस्पिटल का उद्घाटन रतन टाटा करें।
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