क्या है टीशर्ट का इतिहास
क्या है टीशर्ट का इतिहास
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अगर आपको कोई यह पूछे कि क्या आपके वार्डरॉब में टीशर्ट भी है तो आपको लगेगा की यह सवाल पूछने वाला या तो मजाक कर रहा है या फिर उसका दिमाग खराब है क्योंकि बच्चे से लेकर बूढ़े तक के वार्डरॉब में टीशर्ट मिल जायेगी। टीशर्ट दुनिया का सबसे ज्यादा पहना जाने वाला परिधान है. क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की है कि आखिर ये टीशर्ट आयी कहाँ से या इसको बनाने का आईडिया किस के दिमाग में आया। चलिए आज आपको आपकी फेवरेट टीशर्ट के इतिहास के बारे में थोड़ी जानकारी दे देते हैं.

टीशर्ट का ईजाद 19वीं शताब्दी में इस्तेमाल किये जाने वाले अंडरवियर से हुआ. उस वक्त यूनियन सूट अंडरवियर (जिसमे बनियान और अंडरवियर एक ही कपडे से बनते थे) को टॉप और बॉटम दो हिस्सो में काटा जाने लगा. इसमें ऊपर का हिस्सा इतना लंबा रखा जाता था कि वो निचली अंडरवियर में आराम से निपोरा जा सके. टी शर्ट का आज का रूप अमेरिका की देन हैं जहां स्पेनिश अमेरिकन युद्ध के दौरान यूएस नेवी को यूनिफार्म के नीचे पहनने के लिए क्रू नैक शार्ट स्लीव टीशर्ट मुहैया करवाई गयी थी.

जल्दी ही इसे अमेरिकन आर्मी द्वारा नए रंगरूटों की भर्ती के दौरान उन्हें दिया जाने लगा. इसका आइकोनिक नाम इसके T अक्षर जैसे नजर आने के कारण पड़ा. डॉक श्रमिक, किसान, खनिक, और निर्माण में लगे श्रमिकों ने भी गर्म मौसम में हल्के कपड़े का चयन करने के लिए टी-शर्ट को अपनाया। सस्ती और कॉटन से बनी और धोने में काफी आसानी होने के कारण बच्चों के रोजमर्रा के काम और खेलने के लिए टीशर्ट उनकी माँओं की पहली पसंद बन गयी. 1920 में 'टीशर्ट' शब्द को पहली बार डिक्शनरी में जगह मिली।

पहली प्रिंटेड टीशर्ट का क्रेडिट एयर कोर्प्स गनरी स्कूल टीशर्ट को जाता है जिसे 1942 में लाइफ मैगज़ीन के कवर पर जगह मिली थी. इसके बाद तो मिक्की माउस प्रिंट का क्रेज काफी लंबे समय तक लोगों के सर चढ़ा रहा. आजकल तो टीशर्ट में इतने ऑप्शन आते हैं कि गिनती ही नहीं है. टीशर्ट के प्रिंट और डिजाईन की बात की जाये तो आजकल एयर ब्रशिंग, एम्ब्रोइडरी, डायरेक्ट प्रिंटिंग, हीट ट्रांसफर, सिल्क स्क्रीनिंग, और नीडलपॉइंट जैसे तरीके इस्तेमाल किये जाते हैं. इतना तो तय है कि टीशर्ट का ईजाद चाहे किसी भी चीज को ध्यान में रखते हुए किया गया हो लेकिन आज टीशर्ट हर इंसान के वार्डरॉब का सबसे जरूरी हिस्सा हो गयी है.

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