तिरंगा हाथों में लेने से पहले जान लो इसका इतिहास, 112 साल में 6 बार बदला हमारा राष्ट्रध्वज
तिरंगा हाथों में लेने से पहले जान लो इसका इतिहास, 112 साल में 6 बार बदला हमारा राष्ट्रध्वज
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15 अगस्त को भारत आजादी की 73वीं वर्षगांठ मनाने के लिए तैयार हैं. इस दिन देशभर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे और पूरा देश इस दिन हाथों में तिरंगा लिए इस 73वीं वर्षगांठ का जश्न मनाएगा. हालांकि तिरंगे को हाथों में उठाने से पहले इसका इतिहास जानना भी जरूरी है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे है आजादी मिलने के पूर्व से लेकर अब तक तिरंगा कुल 6 बार बदला जा चुका है. आपको हम इस बात से अवगत करा रहे है कि कब-कब हमारे तिरंगे में क्या-क्या बदलाव हुए है...

1906 का भारतीय राष्ट्रीय ध्वज...

सर्वप्रथम भारतीय ध्वज साल 1906 में अस्तित्वा में आया और जिसमे कुछ फूल, एक चाँद और एक चक्र था. हरा, पीला और लाल कलर भी इसमें मौजूद था. लेकिन यह एक गैर आधिकारिक राष्ट्रीय ध्वज था. 

1907 का भारतीय राष्ट्रीय ध्वज...

भारत का पहला गैर आधिकारिक ध्वज अधिक समय तक नहीं रहा और भारत को अगले ही साल नया राष्ट्र ध्वज इस रूप में मिला. इसमें भी चाँद सितारे आदि मौजूद रहे. इसके साथ ही इसमें तीन रंग केसरिया, हरा और पीला भी शामिल हुआ. इसे भिकाजी कामा द्वारा पेरिस में फहराया था. इसके बाद इसे एक सम्मलेन के दौरान बर्लिन में भी फहराया. 

1917 का भारतीय राष्ट्रीय ध्वज...​

हमारे देश का दूसरा राष्ट्र्रीय ध्वज 10 साल तक मान्य रहा. 2017 में भारत को एक और नया ध्वज मिला. जो पूर्व के दोनों राष्ट्र्रीय ध्वज से बेहद अलग था. इसे होम रूल आंदोलन के दौरान एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक द्वारा फहराया गया था. इसमें कुछ सितारे, एक चंद्र और हरे-लाल रंग का समावेश है. 

1921 का भारतीय राष्ट्रीय ध्वज...

साल 1921 में चौथा राष्ट्र ध्वज आया. बेजवाड़ा (अब विजयवाड़ा) में यह आंध्र प्रदेश के एक युवक द्वारा एक झंडा बनाया गया था और गांधी जी को दिया गया. यह दो प्रमुख रंगों हरे और लाल से बना था. जो कि 2 धर्मों हिन्दू और मुस्लिम का प्रतिनिधित्व भी करते हैं. गांधी जी ने बाद में इसमें चरखा जोड़ दिया.

1931 का भारतीय राष्ट्रीय ध्वज...

1921 के 10 साल बाद 1931 में हिंदुस्तान को एक बार फिर नया राष्ट्रध्वज मिल गया. चौथे राष्ट्रध्वज की तरह ही पांचवे राष्ट्रध्वज में भी चरखा का महत्वपूर्ण स्थान रहा. लेकिन रंगों में इस बार हेर-फेर देखने को मिला. चरखा के साथ ही केसरिया, सफ़ेद और हरे रंग का संगम आया. इंडियन नेशनल कांग्रेस (आईएनसी) द्वारा औपचारिक रूप से इस ध्वज को अपनाया गया था.

भारत का अंतिम और वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज...

 
कांग्रेस पार्टी का पांचवा राष्ट्र ध्वज ही भारत का अंतिम राष्ट्र ध्वज भी रहा. लेकिन इसमें एक हल्का सा बदलाव हुआ. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का चरखा हटाकर उसके स्थान पर इसमें सम्राट अशोक के चक्र को जोड़ा गया. भारत का यहीं ध्वज आज विश्व भर में बड़ी शान से लहरा रहा है. 

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