लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक सीट अकबरपुर है. कानपुर से सटे अकबरपुर को पहले बिल्हौर सीट के नाम में पहचाना जाता था. वर्ष 2009 में परिसीमन के बाद यह अकबरपुर लोकसभा सीट के नाम से अस्तित्व में आ गई. इस सीट को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का मजबूत किला माना जाता है. यहां विख्यात श्रवण धाम मंदिर है. रामायण के अनुसार, राजा दशरथ ने शिकार करते वक़्त यहीं पर भूलवश श्रवण कुमार को तीर से मार दिया था, इसलिए यहां श्रवण धाम मंदिर स्थित हैं , जो कि आस्था का केंद्र है.
वर्ष 2014 में हुए चुनावों में यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कमल खिलाने में कामयाब हुई थी, वर्तमान में भाजपा के देवेंद्र सिंह यहां से सांसद हैं. 2014 में मोदी लहर से इस सीट पर भाजपा को फायदा मिला. भाजपा के नेता देवेन्द्र सिंह यहां से सांसद निर्वाचित हुए थे, वहीं बसपा यहां दूसरे नंबर पर रही थी. अगर इतिहास की बात करें तो 1962 में यहां पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ, तब इस बिल्हौर सीट के नाम से पहचाना जाता था. पहली बार हुए चुनावों में कांग्रेस के पन्ना लाल ने यहां जीत हासिल की थी. वर्ष 1967 में कांग्रेस को यहां से शिकस्त झेलनी पड़ी थी, उस समय रिपब्लिक ऑफ इंडिया ने यहां से जीत दर्ज की थी.
वर्ष 1998 में इस सीट से बसपा सुप्रीमो मायावती ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. वर्ष 2002 में हुए उपचुनावों में यह लोकसभा सीट सामान्य श्रेणी में आ गई, जहां से बसपा के त्रिभुवन दत्त निर्वाचित हुए. वर्ष 2004 में यह सीट एक बार पुनः अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई. मायावती ने एक बार फिर चुनाव में जीत दर्ज की और संसद पहुंचीं. वर्ष 2009 में ये सीट कांग्रेस के पाले में चली गई और वर्ष 2014 में मोदी लहर के चलते भाजपा ने इस सीट पर ने कब्जा कर लिया.
खबरें और भी:-
राजनीति में उतरा रविंद्र जडेजा का पूरा परिवार, दो ने ज्वाइन की भाजपा, तो दो गए कांग्रेस के साथ
ममता का कांग्रेस पर वार, कहा- आरएसएस कर रहा प्रणब मुखर्जी के बेटे के लिए प्रचार
लोकसभा चुनाव: केजरीवाल का राहुल पर आरोप, कहा- कर रहे हैं भाजपा की मदद