दस्तावेज से खुलासा : जापानी सेना के अफसरों की निगरानी में होता था यौन शोषण
दस्तावेज से खुलासा : जापानी सेना के अफसरों की निगरानी में होता था यौन शोषण
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बीजिंग : ऐतिहासिक दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान चीन और अन्य एशियाई देशों की महिलाओं को यौन दासी की जंजीरों में जकड़ने का काम सीधे सीधे उच्च जापानी सैन्य अफसरों की निगरानी में हुआ था। इन अफसरों ने बकायदा इसकी रणनीति बनाई थी और इस पर अमल कराया था। चीन का अभिलेखागार प्रबंधन इस सिलसिले में दस्तावेजों की श्रृंखला जारी कर रहा है। इसमें 1938 से 1945 के जापानी आधिपत्य के दौरान हुए जुल्मों का विवरण दिया जा रहा है। द्वितीय विश्व युद्ध और जापानी आक्रमण के 70 साल पूरे होने पर इसे जारी किया जा रहा है।

ताजा दस्तावेज में बताया गया है कि जापानी सेना ने शंघाई में 'आराम केंद्र' बनाने की अनुमति दी थी। जापानी सेना की 7990 टुकड़ी ने महिला यौन गुलामों, जिन्हें 'कंफर्ट वुमन' भी कहा जाता है, पर सेना के धन को खर्च किया था। इसके लिए जापान के क्वानतुंग सैन्य मुख्यालय ने 532,000 येन दिए थे। सबूत इस बात के भी मिले हैं कि चीनी नागरिकों के घरों को छीनकर इन्हें आराम केंद्र बना दिया जाता था और इन घरों में चीनी महिलाओं का भयावह यौन शोषण किया जाता था।

दस्तावेजों से यह भी पता चलता है कि कोरिया में जापानी जुल्म से बचने के लिए लड़कियों की शादी बहुत कम उम्र में की जाने लगी थी। इसकी वजह यह थी कि अविवाहित लड़कियों को जापानी या तो नर्स बना लेते थे या सेक्स गुलाम।

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