असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बीते शनिवार को एक बयान दिया है। इस बयान में उन्होंने कहा, 'हिंदुत्व जीवन का एक तरीका है।' इसी के साथ उन्होंने यह भी दावा किया कि, ''अधिकतरधर्मों के अनुयायी हिंदुओं के वंशज हैं।'' जी दरअसल भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता ने राज्य में उनकी सरकार का दूसरा महीना पूरा होने के मौके पर संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया। इस आयोजन में उन्होंने कहा, 'हिंदुत्व की शुरुआत 5,000 साल पहले हुई थी और इसे रोका नहीं जा सकता।'
इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि, ''हिंदुत्व जीवन का एक तरीका है। मैं या कोई इसे कैसे रोक सकता है? लगभग हम सभी हिंदुओं के वंशज हैं। हिंदुत्व को हटाया नहीं जा सकता क्योंकि इसका मतलब होगा अपनी जड़ों और मातृभूमि से दूर जाना।'' इसी के साथ लव जिहाद के मुद्दे के बारे में उन्होंने कहा, 'उन्हें इस शब्द को लेकर आपत्ति है, लेकिन किसी को भी महिला को धोखा देने की अनुमति नहीं दी जाएगी।' इसके अलावा सरमा ने यह भी कहा कि, 'सरकार किसी भी महिला को किसी के द्वारा धोखा दिए जाने को बर्दाश्त नहीं करेगी, चाहे वो हिंदू हो या मुस्लिम। हमारी बहनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऐसे अपराधियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। हिंदू लड़के की तरफ से हिंदू लड़की से झूठ बोलना भी जिहाद है। हम इसके खिलाफ कानून लाएंगे।'
आगे उन्होंने यह भी दावा किया कि, 'भारत का संविधान यही कहता है और विधानसभा में इस संबंध में विधायक मंत्रियों से ऊपर होते हैं।' जी दरअसल असम के कांग्रेस प्रमुख रिपुन बोरा ने बीते शुक्रवार को यह कहा था कि, 'मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के हिरासत से भागने या बंदूक छीनकर भागने का प्रयास करने वाले अपराधियों को गोली मार देने वाले बयान के गंभीर नतीजे होंगे और असम 'पुलिस राज्य' में बदल जाएगा।'
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