नई दिल्ली : भोपाल में चल रहे दसवें विश्व हिंदी सम्मेलन के आखिरी दिन यानी 12 सितंबर को अमिताभ बच्चन को बतौर मेहमान बुलाया गया है, वे सम्मेलन के आखिरी रोज अच्छी हिंदी कैसे बोली जाए इस बारे में अतिथियों से सामने अपने विचार रखेंगे, अमिताभ को बुलाए जाने पर व पद्म पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकारों को नहीं बुलाने पर विवाद खड़ा हो गया है। इस मुद्दे पर साहित्यकार बंट गए हैं। तीन विश्वप्रसिद्ध ख्यात साहित्यकारों ने इस पर अपनी राय दी. सबसे पहले है पद्मश्री साहित्यकार गिरीराज किशोर जिन्होंने अमिताभ को बुलाए जाने का जबरदस्त विरोध किया है. उन्होंने कहा, ''अमिताभ बच्चन को किस हैसियत से हिंदी सम्मेलन में बुलाया गया.
वही भारत के वरिष्ठ कवि डॉ. कुंअर बेचैन ने कहा है की हिंदी सम्मेलन में किसे बुलाना है किसे नहीं? यह सरकार पर निर्भर करता है. अमिताभ के पिता भी एक ख्यात लेखक थे. तथा तीसरे है मशहूर कवि डॉ. हरिओम पंवार जो की मेरठ के रहने वाले है व ये सम्मेलन में अमिताभ को बुलाए जाने से सहमत है. तथा इस पर भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि अमिताभ बच्चन को अच्छी हिंदी कैसे बोली जाए, यह बताने के लिए विश्व हिंदी सम्मेलन में बुलाया गया है.