देश में 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत एक बहुभाषी देश है। यहां 22 भाषाएं बोली जाती हैं । लेकिन देश में सबसे अधिक हिंदी बोलने वाले लोगों की संख्या है। इसलिए हिंदी को देश की पहचान माना जाता है। "हिन्दुस्तान" नाम से देश में हिंदी के महत्व को समझा जा सकता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिंदी की महत्ता के बारे में बोलते हुए उन्होंने एक जनसभा में कहा था, जैसे अंग्रेज अपनी मातृभाषा अंग्रेजी में बातचीत करते हैं और उसे अपने दैनिक जीवन में प्रयोग में लाते हैं, उसी तरह मेरा आप सब देशवासियों से विनम्र निवेदन है कि आप हिन्दी को भारत की राष्ट्रभाषा बनाने का गौरव प्रदान करें। तो आईए आज इस अवसर पर कुछ महान विभूतियों की हिंदी के बारे में उनके राय से आपको अवगत कराते हैं, जो आपकी सोच बदल देगी.....
"हिंदी द्वारा सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है।" - स्वामी दयानंद सरस्वती
"मैं दुनिया की सब भाषाओं की इज्जत करता हूँ, परन्तु मेरे देश में हिंदी की इज्जत न हो, यह मैं नहीं सह सकता।" - विनोबा भावे
"संस्कृत मां, हिंदी गृहिणी और अंग्रेजी नौकरानी है।" - डॉ. फादर कामिल बुल्के
"सच्चा राष्ट्रीय साहित्य राष्ट्रभाषा से उत्पन्न होता है।" - वाल्टर चेनिंग
"हिंदी उन सभी गुणों से अलंकृत है जिनके बल पर वह विश्व की साहित्यिक भाषाओं की अगली श्रेणी में सभासीन हो सकती है।"
- मैथिलीशरण गुप्त
"हिंदी विश्व की महान भाषा है।" - राहुल सांकृत्यायन
"राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है।" - महात्मा गांधी
"जिस देश को अपनी भाषा और अपने साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता।" - डॉ. राजेन्द्रप्रसाद
"हिंदी स्वयं अपनी ताकत से बढ़ेगी।" - पं. जवाहरलाल नेहरू
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