कोल्हापुर: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम ऊंचा करने वाले भारत के पहले हिंद केसरी श्रीपति खंचनाले अब इस दुनिया में नहीं रहे। आज यानी सोमवार सुबह उनका निधन हो गया है। जी दरअसल वह नवंबर के महीने से ही बीमार चल रहे थे और कुछ दिनों पहले ही उन्हें सिविल अस्पताल में एडमिट करवाया गया था। हाल ही में कोल्हापुर हेल्थ डिपार्टमेंट ने जानकारी दी है जिसमे उन्होंने बताया है कि 86 साल के खंचनाले का निधन बुढ़ापे से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हुआ है।
भारताचे पहिले हिंदकेसरी पैलवान आदरणीय श्रीपती खंचनाळे (वस्ताद) यांची आज प्राणज्योत मावळली. कोल्हापूरचे नावं कुस्ती क्षेत्रात उज्ज्वल करणारे श्री. खंचनाळे यांच्या जाण्याने कुस्ती क्षेत्राची मोठी हानी झाली आहे. pic.twitter.com/SiMoGgwXlK
— Ruturaj S. Patil (@ruturajdyp) December 14, 2020
वैसे हम आपको यह भी बता दें कि श्रीपति खंचनाले ने करतार पंजाबी, खड़क सिंह, सादिक पंजाबी, मंगला राय, टाइगर बच्चन सिंह, नजीर अहमद, मोती पंजाबी, गुलाब कादर जैसे कई पहलवानों को हराया था। फिलहाल कोल्हापुर के विधायक ऋतुराज एस पाटिल ने उनकी तस्वीरों को सोशल मीडिया में पोस्ट कर इसकी पुष्टि की है। आप देख सकते हैं उन्होंने एक पोस्ट कर लिखा है- 'भारताचे पहिले हिंदकेसरी पैलवान आदरणीय श्रीपती खंचनाळे (वस्ताद) यांची आज प्राणज्योत मावळली। कोल्हापूरचे नावं कुस्ती क्षेत्रात उज्ज्वल करणारे'। आप सभी को हम यह भी बता दें कि श्रीपति खंचना, महाराष्ट्र और कर्नाटक में काफी मशहूर थे। उन्होंने अपने पिता के कहने पर कुश्ती सीखना शुरू की थी।
3 मई, साल 1959 को दिल्ली में पहलवान रुस्तम-ए-पंजाब बटा सिंह को हराकर वह 'हिंद केसरी' बने थे और इसके बाद, उन्होंने कराड़ में एक कुश्ती में अनंत शिरगांवकर को हराकर 'महाराष्ट्र केसरी' का खिताब जीता था। केवल यही नहीं बल्कि महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें 'शिव छत्रपति पुरस्कार' से सम्मानित किया था, जबकि कर्नाटक सरकार ने उन्हें 'कर्नाटक भूषण पुरस्कार' दिया था।
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