नई दिल्ली : नेपाल में लगातार भूकंप के झटके आने के बाद, और हिमालयी क्षेत्र में भूगर्भीय हलचलों के तेज होने की संभावनाओं के चलते एक बार फिर भारत को लेकर चर्चा की जा रही है। माना जा रहा है कि भारत के ऐसे लगभग 38 शहर हैं जहां भूकंप का बहुत खतरा है। इस दौरान भारतीय उप महाद्वीप का करीब 60 प्रतिशत क्षेत्र ही भूकंपीय क्षेत्र में आता है। यदि बहुत तेज भूकंप आया तो दिल्ली को बड़ा नुकसान हो सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार पिछले शनिवार को नेपाल में करीब 7.9 तीव्रता से आए भूकंप ने भारतीय उपमहाद्वीप को थर्रा दिया। इस भूकंप के आने के बाद रहरहकर आफ्टर शाॅक्स भी आए। जिनका असर भी दिल्ली, बिहार, उत्तरप्रदेश, असम, उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों में देखने को मिला है। बताया जाता है कि दिल्ली को भी भावी समय में भूकंप से बड़ा नुकसान हो सकता है।
भूकंप के दौरान जान-माल के नुकसान से बचने के लिए कारगर उपायों की जरूरत मानी जा रही है। इंडियन स्टेंडर्ड क्राइटीरिया आॅफ अर्थक्वेक रेसिस्टेंट डिजाईन के मापदंडों के अनुसार ऐसी कुछ ही इमारतें हैं जो उनके पैमाने पर खरी उतरती हों। भूकंप रोधी मानकों को और इस बारे में अन्य जानकारियों को लोगों के बीच पहुंचाना बेहद जरूरी है। यू तो गुजरात के भुज में भूकंप आने के बाद वहां भूकंप रोधी मकानों पर काम किया गया लेकिन इसके उलट महाराष्ट्र में लातूर में भूकंप आने के बाद यहां प्रशासन और लोगों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। माना जा रहा है कि दिल्ली की हालत भी इस मामले में काफी कमजोर है।