संपन्न हुआ हिमालयन कॉन्क्लेव, हिमालयी राज्यों ने की ग्रीन बोनस की मांग
संपन्न हुआ हिमालयन कॉन्क्लेव, हिमालयी राज्यों ने की ग्रीन बोनस की मांग
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देहरादून: उत्तराखंड के मसूरी में संपन्न हुए हिमालयी राज्यों के सम्मेलन में ग्रीन बोनस की मांग जोर शोर से उठाई गई. हिमालयी राज्यों के विकास के लिए अलग से मंत्रालय बनाकर केंद्र से सहायता की उम्मीद भी सभी हिमालयी राज्यों ने मोदी सरकार से की है. इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी हिमालयी प्रदेशों की बात को गंभीरता से सुना और भरोसा दिलाया कि इन पहाड़ी राज्यों के विकास के लिए केंद्र से भरपूर सहायता मिलेगी. 

पहाड़ों की रानी मसूरी में हिमालयी प्रदेशों के मुख्यमंत्री और उनके प्रतिनिधि पहली दफा हो रहे मुख्यमंत्री सम्मेलन के लिए आए थे. सभी हिमालयी राज्य इस बात पर एकमत थे कि उन्हें केंद्र सरकार के समक्ष ग्रीन बोनस की मांग को प्रमुखता से रखना है.  इसके लिए सभी प्रदेशों ने अपने अपने अधिकारियों के साथ मिलकर काफी तैयारी भी की हुई थी. यह हिमालयी प्रदेश अपने आपदा प्रबंधन तंत्र को सशक्त करने जल शक्ति मंत्रालय के लिए विभिन्न योजनाएं बनाने और पर्यावरण को संरक्षण देने के लिए खास पैकेज की मांग केंद्र सरकार से की है.

ग्रीन बोनस की बात गत 10 वर्षों में कई बार हुई, लेकिन केंद्र की पहली सरकारों ने राज्यों के बजट का 2% ही ग्रीन बोनस राज्यों को दिया.  लेकिन धीरे-धीरे यह आंकड़ा बढ़कर 7.5% तक पहुँच गया. अब हिमालयी सूबों ने इसे बढ़ाकर 15 फीसद करने की मांग की है. उत्तराखंड के सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि " हमने आपदा प्रबंधन, जल प्रबंधन समेत पहाड़ के कई मुद्दे केंद्रीय वित्त मंत्री के सामने रखे हैं. 

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