गोपनीय सूचनाएं थी हिलेरी के निजी ईमेल खाते में
गोपनीय सूचनाएं थी हिलेरी के निजी ईमेल खाते में
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न्यूयार्क. अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसियों से मिली प्राप्त जानकारी के अनुसार महानिरीक्षक चार्ल्स मैक्कलो ने कांग्रेस के सदस्यों को पत्र लिखकर गत गुरुवार को आगाह किया कि क्लिंटन के निजी ईमेल खाते से भेजे गये और प्राप्त हुए लगभग 30 हजार ईमेल में से जिन 40 ईमेल को नमूने के रूप में इस्तेमाल किया गया, उनमें से कम से कम चार ऐसे थे, जिनमें गोपनीय सूचनाएं थीं। जिस वक्त ये ईमेल भेजे गये, उस वक्त सरकार ने इन्हें गोपनीय करार दिया था। महानिरीक्षक ने शुक्रवार को विदेश मंत्रालय में अपने समकक्ष स्टीव लिनिक के साथ जारी किये संयुक्त बयान में कहा कि इन गोपनीय सूचनाओं को कभी भी निजी सिस्टम से नहीं भेजा जाना चाहिए था। वे सूचनाएं अभी भी गोपनीय ही हैं। क्लिंटन के प्रवक्ता निक मेरिल ने महानिरीक्षक के दावे पर कोई टिप्पणी नहीं की है। इस नये खुलासे से क्लिंटन के उस दावे पर सवाल खड़ा हो गया है कि उनके ईमेल खाते में कोई गोपनीय सूचना नहीं है। उन्होंने अपने अधिकतर ईमेल गत साल विदेश विभाग को भेज दिये थे। 

महानिरीक्षक ने हालांकि इस बात पर टिप्पणी नहीं की है कि क्लिंटन को यह जानकारी थी या नहीं कि वे सूचनाएं गोपनीय हैं। गत मार्च में ही इस बात का खुलासा हुआ था कि क्लिंटन विदेश मंत्री के पद पर रहते हुए न्यूयार्क स्थित अपने आवास के सर्वर से जुड़े अपने निजी ईमेल खाते का इस्तेमाल कर रही थीं। इस खुलासे के बाद विपक्षियों ने पारदर्शिता और सरकारी रिकॉर्ड रखने के कानूनों को दरकिनार करने का आरोप लगाते हुए क्लिंटन को घेर लिया। क्लिंटन राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हैं। तथा इस खुलासे के बाद 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर हिलेरी की मुश्किलें और बड़ गई है।

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