श्रीनगर : जम्मू - कश्मीर के अलगाववादी नेता और देशद्रोह के आरोप में पकड़े गए मसर्रत आलम को स्थानीय अदालत ने जमानत दे दी है। इस दौरान न्यायालय ने पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाई है। दरअसल यहां पर अबुगरिब या गुआंतानामो जेल जैसे हालात सह नहीं किए गए हैं। आलम को जेल से छोड़े जाने के पहले दो बॉन्ड भरने के लिए कहा गया। इन बॉन्ड्स की कीमत 2 लाख रूपए बताई गई है। उल्लेखनीय है कि राज्य में गुआंतानामो बे जैसी स्थिति बनी हुई है।
मगर इसे सहन नहीं किए जाने की बात कही गई है। दरअसल इस तरह के मामले न्यायालय के सामने आ सकते हैं। उल्लेखनीय है कि अबुगरिब और गुआंतानामो बे दो जेलों के नाम हैं। न्यायालय ने मसर्रत आलम को हिरासत में लेने को लेकर पुलिस से प्रश्न किए। न्यायालय द्वारा यह कहा गया कि यदि उसे 90 दिन के लिए आखिर कितनी बार जेल भेजा जाएगा। सरकार को उसके दोषी होने का सबूत देना चाहिए।
यदि मसर्रत देशद्रोह का आरोपी है तो फिर कानूनी तौर पर ठीक तरह से कार्य होगा। उल्लेखनीय है कि अलगाववादी नेता मसर्रत आलम पर भारत के क्षेत्र में पाकिस्तान का ध्वज फहराने और भारत विरोधी बाते कर धार्मिक भावनाओं को तूल देने का मामला सामने आया था। इसके बाद इसे नज़रबंद कर दिया गया।