जोधपुर: नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में लगभग 6 साल से जेल में कैद आसाराम की मुसीबतें बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. खबर के अनुसार उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संदीप मेहता की खण्डपीठ ने कस्टोडियल पीरियड प्रायरटी बेस पर सुनवाई के आदेश जारी किए हैं. आसाराम की सजा के खिलाफ अपील पर हुई सुनवाई के दौरान यह बात प्रकाश में आई है. फिलहाल खंडपीठ में 9 वर्ष 8 वर्ष और 7 वर्ष से जेल में बंद कैदियों की याचिका पर सुनवाई हो रही है.
उल्लेखनीय है कि आसाराम 5 वर्ष 11 माह और 20 दिन से जेल में सजा काट रहा है. वहीं उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संदीप मेहता की खण्डपीठ के इस आदेश के बाद आसाराम की जेल से बाहर आने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. बता दें की उच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता जगमालसिंह चौधरी ने आसाराम का पक्ष रखा था.
आसाराम पर उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले की एक नाबालिग से बलात्कार करने का इल्जाम था, जिसमें वो दोषी करार दिए गए. यह लड़की मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रही थी. पीड़िता का इल्जाम है कि आसाराम ने जोधपुर के समीप बनाए गए एक आश्रम में उसे बुलाया था और 15 अगस्त 2013 को उसके साथ बलात्कार किया था. आसाराम से इन आरोपों से मना कर दिया था.
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