जानिए मंगल के शुभ और अशुभ योग का प्रभाव
जानिए मंगल के शुभ और अशुभ योग का प्रभाव
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ज्योतिषी भाषा में आग कहे जाने वाले मंगल का जब आपकी राशी में प्रवेश होता है तो समय के अनुसार ये अपना प्रभाव डालता है ये प्रभाव आपके लिए अभिशाप भी हो सकता है या फिर ये प्रभाव आपके लिए एक वरदान से भी बढकर साबित हो सकता हैं आपके जीवन में मंगल के दुष्प्रभाव ये हो सकते है 
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अंगारक योग
अंगारक योग की वैदिक ज्योतिष में प्रचलित परिभाषा के अनुसार यदि किसी कुंडली में मंगल का राहु अथवा केतु में से किसी के साथ स्थान अथवा दृष्टि से संबंध स्थापित हो जाए तो ऐसी कुंडली में अंगारक योग का निर्माण हो जाता है जिस बजह से व्यक्ति का  स्वभाव आक्रामकए नकारात्मक तथा हिंसक हो जाता है इस योग के प्रभाव में आने वाले व्यक्तियों के अपने भाईयोंए मित्रों तथा अन्य रिश्तेदारों के साथ संबंध भी बिगड़ने लगते हैं। कुछ वैदिक ज्योतिषी यह मानते हैं कि किसी कुंडली में अंगारक योग बन जाने पर ऐसा इन्सान अपराधी बन जाता है तथा उसे अपने अवैध कार्यों के चलते लंबे समय तक जेल में भी रहना पड़ सकता है। यदि जातक का स्वभाव ठीक है तो इसका कभी.कभी शुभ असर भी हो सकता है।

-    इस योग से इस तरह बचे 
भगवान शिव के पुत्र कुमार कार्तिकेय की उपासना करने तथा मंगलवार का व्रत रखने से इस योग के दुष्परिणामो से निजात पा सकते है। 

•    मंगल दोष
कुण्डली में जब चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव और दसवे भाव में मंगल स्थित होता है तब कुण्डली में मंगल दोष माना जाता है। सप्तम भाव से हम दाम्पत्य जीवन का विचार करते हैं। अष्टम भाव से दाम्पत्य जीवन के मांगलीक सुख को देखा जाता है। मंगल लग्न में स्थित होने से सप्तम भाव और अष्टम भाव दोनों भावों को दृष्टि देता है। चतुर्थ भाव में मंगल के स्थित होने से सप्तम भाव पर मंगल की चतुर्थ पूर्ण दृष्टि पड़ती है। दशम भाव में यदि मंगल स्थित है तब अष्टम दृष्टि से सप्तम भाव को देखता है।

-    रहत के उपाय 
प्रति मंगलवार को शिवलिंग पर कुमकुम चढाने तथा मंगल बार के दिन हनुमान जी कि उपासना तथा उन्हें चोला चढाने से इस योग से निजात मिल जाती है। 

•    नीचस्थ मंगल दोष 
जिस व्यक्ति पर ये दोष होता है उसमे आत्मविश्वास कि अति कमी हो जाती है साथ ही खून की कमी जैसे लक्षण भी दिखाई देते है। 

-    इस योग से बचने के उपाय 
तांबा पहनने और गुड का सेवन इस दोष में लाभकारी होता है। 

ये होते है मंगल के शुभ प्रभाव 
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शुभ योग 
मंगल के शुभ प्रभाव में भाग्य रोशन हो उठता है लक्ष्मी योग मंगल का पहला शुभ योग है चंद्रमा और मंगल के संयोग से लक्ष्मी योग बनता है यह योग इंसान को धनी बनाने में कोई कसर नहीं रखता है जिनकी कुंडली में लक्ष्मी योग हैए उन्हें नियमित दान करते रहना चाहिए।
•    रूचक योग 
शारीरिक बल तथा स्वास्थ्य, पराक्रम, साहस, प्रबल मानसिक क्षमताए समयानुसार उचित तथा तीव्र निर्णय लेने की क्षमता आदि प्रदान कर सकता है। रूचक योग के प्रबल प्रभाव में आने वाले पुरुष अपने पराक्रम, साहस तथा कार्यकुशलता के चलते अपने व्यवसायिक क्षेत्रों में बहुत धन तथा प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं। तथा इस योग के प्रबल प्रभाव में आने वालीं स्त्रियों में भी पुरुषों जैसे गुण पाये जाते हैं। तथा ऐसीं स्त्रियां भी पुरुषों के द्वारा किये जाने वाले साहस के कार्य करके धन तथा ख्याति प्राप्त करने में कुशल होती हैं।
मंगल जब हमारी राशी पर कोई गलत प्रभाव डालता है तो कुछ शुभ करके भी जाता है।

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