यहाँ 'मौत' की भीख मांगते हैं लोग, जानिए क्यों?
यहाँ 'मौत' की भीख मांगते हैं लोग, जानिए क्यों?
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हाल ही में एक ऐसी जेल के अंदर की सच्चाई सामने आई है, जिसके बारे में शायद ही किसी ने सुना हो. यहां लोगों को जिन तरीकों से टॉर्चर किया जाता है, उसके पश्चात् वो मौत की भीख मांगने लगते हैं. ये कहानी एक रूसी जेल की है. जहां यूक्रेनी नागरिकों को रखा जाता है. ऐसा बोला जाता है कि जब से रूस ने यूक्रेन पर अटैक किया है, जब से हजारों यूक्रेनी व्यक्तियों को पकड़कर दुनिया की सबसे खौफनाक इस जेल में डाला गया. प्राप्त एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसे सिम्फरोपोल डिटेंशन सेंटर के नाम से जाना जाता है. 

एलेक्जेंडर टाराकोव यहां मई 2022 में कैद रहे थे. अब उन्होंने क्रेमलिन एवं रूस का विरोध करने वाली एक न्यूज वेबसाइट को बंद दरवाजों के पीछे की सच्चाई बताई है. टाराकोव को मार्च में गिरफ्तार किया गया था. उन पर आरोप था कि उन्होंने कब्जे वाले खेरसोन में रूस के विरुद्ध रैलियों का आयोजन किया है. उन्होंने बताया कि कैसे सजा एवं टॉर्चर के नाम पर यहां बिजली के झटके दिए जाते हैं. इस के चलते कोई परवाह नहीं की जाती कि कैदी का अपराध गंभीर है या मामूली. उन्होंने कहा कि लोग जेल से भागें न, इसके लिए खूंखार कुत्तों को रखा गया है. टाराकोव ने बताया, 'ऐसा लगता है, जैसे ये चार्ज हर मांसपेशी फाइबर के माध्यम से आपके शरीर में जाता है तथा फट जाता है और फिर आपकी मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं. जब आपको इस प्रकार से टॉर्चर किया जाता है, तो आप इससे स्वयं को बचाने के लिए कुछ नहीं कर सकते, यदि करेंगे, तो ये और भी बदतर हो जाएगा.'  

टाराकोव ने बताया कि जेल में डालने से पहले उन्हें रूसियों के कब्जे वाली एक बिल्डिंग के बेसमेंट में टॉर्चर किया गया था. उनके कानों में बिजली के तारों के छोर रखे गए तथा झटके देकर उन व्यक्तियों के नाम पूछे गए, जिन्होंने प्रदर्शनों का आयोजन किया है. इसके अतिरिक्त एक रूसी एजेंट ने उनकी कनपटी पर बंदूक रखी तथा गोली मारने की धमकी देने लगा. इस जेल को मध्य युग की कालकोठरी का बताते हुए टाराकोव ने आगे कहा, 'जैसे ही कोई नया कैदी आता है, उसी रात उसे जेल के सेल में टॉर्चर किया जाता है.' इस जेल में कैदी के तौर पर रह चुके एक अन्य व्यक्ति मैक्सिम ने भी आपबीती सुनाई है. उन्होंने बताया कि पूछताछ के चलते रूसी सुरक्षा एजेंसी के अफसर धमकियां देते हैं. या ये कहते कि, 'हम तुम्हें लुहांस्क भेज देखें, जहां मौत की सजा वैध है तथा वो तुम्हें गोली मार देंगे. उन्होंने यूक्रेन द्वारा युद्ध के नियमों के उल्लंघन के एक आपराधिक मामले के लिए हमसे गवाही ली. उन्होंने पूछा कि क्या हम घरों और मारियुपोल के ड्रामा थियेटर में हुई गोलीबारी के बारे में कुछ जानते हैं.' बता दे कि रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी, 2022 में युद्ध शुरू हुआ था. तब से अभी तक यहां खून खराबा जारी है. रूस ने यूक्रेन के तमाम क्षेत्रों को स्वयं में सम्मिलित कर लिया है. इनमें पूर्वी यूक्रेन के क्षेत्र भी हैं. 2014 में क्रीमिया को खोने वाले यूक्रेन के लिए अब क्रीमिया तो दूर की बात, अपने दूसरे क्षेत्रों को भी रूस से वापस लेना मुश्किल हो गया है. 

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