पटना: बिहार में पड़ रही भीषण गर्मी से स्थिति बेहद खराब हो गई हैं और रविवार को लू लगने से 112 से अधिक लोगों की मौत हो गई। सबसे ज्यादा मौतें औरंगाबाद, नवादा, पटना, पूर्वी बिहार, रोहतास, जहानाबाद और भोजपुर जिलों में दर्ज की गई हैं। लू लगने से बीते दो दिनों में 173 से अधिक लोगों की जानें चली गई है। गया, नवादा और औरंगाबाद के अस्पतालों में 300 से अधिक मरीज भर्ती हुए हैं।
वहीं नए मरीजों के आने का सिलसिला निरन्तर जारी है। अकेले गया जिले में रविवार को 28 लोगों की मृत्यु हुई है। बताया जा रहा है कि लू से मरने वाले अधिकतर लोगों में 60 वर्ष से ज्यादा आयु के लोग हैं। लू से इतनी बड़ी तादाद में लोगों की मौतों पर नितीश सरकार हरकत में आ गई है। राज्य सरकार ने सभी प्रभावित जिलों में मरीजों के लिए अतिरिक्त डॉक्टरों को तैनात किया है। इसके अलावा गांवों और शहरों में पीने योग्य जल पहुंचाने के लिए अतिरिक्त टैंकर लगाए गए हैं।
इस बीच लू प्रभावित क्षेत्रों में अगर डॉक्टर आज हड़ताल पर रहते हैं तो मरीजों की समस्याएं और बढ़ सकती है। हालांकि डॉक्टरों ने अभी आश्वासन दिया है कि वे मरीजों का उपचार करेंगे। डॉक्टरों के अनुसार लू पीड़ितों को पहले बेचैनी होती है और उसके बाद वे बेहोश हो जाते हैं। फिर आधे से दो घंटे के बीच उनकी मृत्यु हो जाती है। बताया जा रहा है कि मौत का कारण ब्रेन में ग्लूकोज की कमी है। डॉक्टरों ने मरीजों को खूब पानी की सलाह दी है।
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