कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले हो जाए सावधान, ये लक्षण है खतरे का संकेत
कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले हो जाए सावधान, ये लक्षण है खतरे का संकेत
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कुछ प्रदेशो को छोड़कर अब बाकी पूरे भारत में कोरोना वायरस के मामलों में बहुत कमी आई है तथा इसके कारण कई स्थान पर दफ्तर खुल गए हैं, विद्यालय खोले जा रहे हैं। मगर फिर भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सतर्क रहने के सुझाव दिए है, क्योंकि कोरोना अभी समाप्त नहीं हुआ है। इस महामारी के खिलाफ टीकाकरण की यदि बात करें तो भारत में अब तक 56 करोड़ छह लाख से ज्यादा कोविड रोधी टीके लगाए जा चुके हैं। रोजाना लाखों लोगों को टीका लगाया जा रहा है, जिससे इस संक्रमण को समाप्त किया जा सके। बताया जा रहा है कि भारत में दो से 18 वर्ष की आयु श्रेणी के बच्चों के लिए भी कोरोना वैक्सीन अक्टूबर से उपलब्ध हो जाएगी। वैसे तो कोरोना वैक्सीन लगवाने के गंभीर साइड-इफेक्ट नहीं होते, मगर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक ट्वीट के जरिए आगाह किया है कि किसी भी कोरोना वैक्सीन को लगवाने के 20 दिनों के अंदर होने वाले लक्षणों पर तुरंत ध्यान देने की जरुरत है। आइए जानते हैं इन लक्षणों के बारे में... 

वैक्सीन लगवाने के बाद ये लक्षण हैं सामान्य:-
स्वास्थ्य विशेषज्ञ तथा चिकित्सक कहते हैं कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के पश्चात् कंपकंपी महसूस होना, हल्का बुखार, इंजेक्शन लगने के स्थान पर सूजन और हल्का दर्द, बदन दर्द एवं थकान जैसे साइड-इफेक्ट तो आम हैं, इनसे घबराने की आवश्यकता नहीं है। ये लक्षण एक-दो दिन में अपने आप चले जाते हैं। 

ये लक्षण नजर आए तो हो जाएं सावधान:-
सांस की तकलीफ (सांस लेने में समस्या) 
छाती में दर्द 
उल्टी होना या निरंतर पेट दर्द होना 
धुंधला नजर आना देना या आंखों में दर्द होना 
तेज या निरंतर सिरदर्द 

शरीर के किसी भी अंग में कमजोरी होना:- 
बगैर किसी स्पष्ट कारण के निरंतर उल्टी होना 
दौरा पड़ना (उल्टी के साथ या उल्टी के बिना) (दौरा पड़ने के पिछले इतिहास की अनुपस्थिति में) 
इंजेक्शन लगने के स्थान से दूर त्वचा पर रक्त के छोटे या बड़े निशान होना 
कोई अन्य लक्षण या स्वास्थ्य स्थिति जो प्राप्तकर्ता या परिवार के लिए चिंता का विषय है 
वैक्सीन लगवाने के 20 दिनों के अंदर ऐसे गंभीर लक्षण नजर आए तो तत्काल चिकित्सकों से संपर्क करें 

नए वैरिएंट से बचने के लिए टीकाकरण आवश्यक:- 
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि कोरोना के नए-नए वैरिएंट से बचने के लिए टीकाकरण बेहद आवश्यक है। क्योकि अभी देश में डेल्टा वैरिएंट को लेकर संकट बना हुआ है, ऐसे में चेन्नई में ICMR द्वारा की गई एक स्टडी में पाया गया है कि डेल्टा वैरिएंट में टीका नहीं लिए लोगों के साथ-साथ टीका ले चुके व्यक्तियों को भी संक्रमित करने की क्षमता है, किन्तु टीका ले चुके व्यक्तियों में इसकी मृत्यु दर कम है। 

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