हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर लोगों के लिए डिप्रेशन को लेकर एक ट्वीट किया गया. एक फोटो को पोस्ट कर स्वास्थ्य मंत्रालय ने डिप्रेशन को लेकर एक जानकारी शेयर की थी. चुकी स्वास्थ्य मंत्रालय के इस पेज को काफी डॉक्टर भी फॉलो करते है. इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय की इस पोस्ट को काफी लोगों की आलोचना भी सहन करनी पड़ी है.
#Depression is a state of low mood that affects a person's thought, behaviour, feeling & sense of well-being. One must take up activities that keep him or her boosted in order to cope with depression. #SwasthaBharat #MentalHealth #LetsTalk pic.twitter.com/UJR3X7GwL2
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) June 26, 2018
ट्वीटर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, अवसाद मन के थोड़ा निराश होने की दशा है जो व्यक्ति के विचार, व्यवहार और अच्छा होने की भावना और संवेदना को प्रभावित करती है. व्यक्ति को कुछ ऐसे काम करने चाहिए जिनसे अवसाद से निपटने में उसका मनोबल ऊंचा हो.
लेकिन इस पोस्ट पर फॉलोअर्स ने तीखी टिप्पणियां की हैं. एक मनोचिकित्सक ने लिखा है, यह ट्वीट अवसाद को हल्के में लेता है और यह अनुभव करने को कहता है कि यह कोई बीमारी नहीं है. यह अवसाद की बिल्कुल गलत व्याख्या है.
एक ट्विटर यूजर ने लिखा है कि अवसाद से ग्रस्त व्यक्ति सकारात्मक ढंग से नहीं सोच सकता, यह अवसाद की परिभाषा है. लेकिन उसे सकारात्मक सोचने के लिए कहना, ऐसा ही है कि मोतियाबिंद वाले व्यक्ति से कहा जाए कि आंखें खुली रखे और स्पष्ट देखे.
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