डब्ल्यूएचओ मानक के अनुसार प्रदेश में कम है डॉक्टरों की संख्या
डब्ल्यूएचओ मानक के अनुसार प्रदेश में कम है डॉक्टरों की संख्या
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छत्तीसगढ़ में डॉक्टरों की कितनी कमी है इसका अंदाजा विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों से ही लगाया जा सकता है. स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार प्रदेश में 25600 डॉक्टर की आवश्यकता है. छत्तीसगढ़ में 1873 का ही सेटअप स्वीकृत है. मतलब तय सेटअप से 15 गुना ज्यादा डॉक्टरों की आवश्यकता है. 1873 के सेटअप के अनुसार भी 410 पद खाली हैं.

छत्तीसगढ़ में डॉक्टरों की सबसे कम संख्या बस्तर और सरगुजा संभाग में हैं. बस्तर संभाग में विशेषज्ञ डॉक्टरों के 95 फीसदी पद खाली हैं. संभाग में चिकित्सा अधिकारियों के 56 फीसदी पद खाली है. यही नहीं बस्तर और सरगुजा संभाग में दंत चिकित्सकों के 25 में से 24 पद रिक्त हैं.मतलब इस क्षेत्र में  चिकित्सा अधिकारियों, विशेषज्ञ डॉक्टरों और  दंत चिकित्सकों के पद भरे जाने की बहुत जरुरत है.

राज्य में फिलहाल 6 सरकारी और तीन निजी मेडिकल कालेज हैं. छत्तीसगढ़ में फिलहाल डॉक्टरों की संख्या को देखकर लगता है कि  विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के हिसाब से स्थिति में सुधार के लिए अभी और इंतजार करने की जरुरत है. इनमें भी प्रदेश दंत चिकित्सकों की बहुत कमी है. दंत चिकित्सकों के लगभग 91 फीसदी डॉक्टरों के पद रिक्त हैं. 

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