भारतीय महिलाओ को मल्टीविटामिन गोलिया लेने से पहले ध्यान रखा चाहिए ये टिप्स .....
भारतीय महिलाओ को मल्टीविटामिन गोलिया लेने से पहले ध्यान रखा चाहिए ये टिप्स .....
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अक्सर कमजोरी या थकान महसूस होने पर महिलाएं अपने परिवार वालों की सलाह पर या अपने मन से ही मल्टी विटामिन गोलियां लेना शुरू कर देती हैं। लेकिन ज्यादातर महिलाओं को यह पता नहीं होता कि मल्टी विटामिन्स कब लेने चाहिए और कौन से लेने चाहिए। कई मल्टीविटामिन लेने का शरीर को कोई फायदा नहीं होता, वहीं कुछ विटामिन ज्यादा लेने पर शरीर के लिए नुकसानदेह भी हो सकते हैं। 

दो तरह के होते हैं मल्टी विटामिन्स :मल्टी विटामिन्स को लेने से पहले आपको यह समझने की जरूरत है कि ये मुख्त तौर पर दो तरीके के होते हैं। एक फैट बेस्ट और दूसरे वॉटर बेस्ड। विटामिन A, विटामिन D, विटामिन E, विटामिन K। वहीं विटामिन बी-1 बी-2, बी-3, बी-5, बी-6, बी-7, बी-12 और विटामिन सी वॉटर बेस्ड विटामिन होते हैं, जो यूरीन के जरिए बाहर निकल जाते हैं। 

विटामिन्स से जुड़ी ये महत्वपूर्ण बातें जानें: विटामिन बी-1 की कमी से हार्ट पर असर पड़ सकता है। इसकी कमी ज्यादा शराब पीने और फास्ट फूड लेने वालों में होती है। भारतीय खानपान में ज्यादातर लोग सब्जियां खाते हैं, इसीलिए यहां विटामिन डेफिशिएंसी कॉमन नहीं है। विटामिन बी की कमी से बेरी-बेरी हो सकता है। बी-12 कमी से महिलाओं में एनीनिया हो सकता है। भारतीय महिलाएं में एक बड़ा हिस्सा एनिमिक है, क्योंकि वे प्योर वेजिटेरियन होती हैं। जो लोग शुगर प्रॉब्लम के लिए दवाइयां लेते हैं, उनमें भी एनीमिया होने की आशंका हो सकती है। इसके अलावा जो विटामिन की कमी उन लोगों में होती है, जिन्हें खाना ठीक से नहीं मिल पाता या जो खान-पान के मामले में अनियमित होते हैं। महिलाओं को मोटे तौर पर पांच कमियों पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि भारतीय महिलाओं में सबसे ज्यादा इन्हीं तत्वों की कमी पाई जाती है। ये हैं-आयरन, फॉलिक एसिड, विटामिन बी-12, विटामिन डी और कैल्शियम। 

विटामिन की अधिकता पहुंचाती है नुकसान: फैट-सॉल्यूबल विटामिन ए की कमी से बच्चों की आंखों पर असर पड़ता है। इसी तरह विटामिन डी की कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। अध्ययनों के अनुसार देश में 85 -90 फीसदी लोगों में विटामिन डी की कमी पाई जाती है। विटामिन ई की बात करें तो इसे जरूरत से ज्यादा लेने पर इंसान की नसें खराब हो सकती हैं, दिमाग पर असर पड़ता है, यहां तक कि मौत भी हो सकती है। विटामिन डी-6 ज्यादा लेने पर नसों पर असर पड़ सकता है। अगर आयरन ज्यादा ले लिया जाए तो इससे असर से दांत काले पड़ सकते हैं, पेट में जलन, दर्द और लूज मोशन की समस्या हो सकती है। भारतीय खानपान में कार्बोहाइड्रेट्स ज्यादा होते हैं, कैल्शियम की कमी होती है, इसीलिए विटामिन के बजाय कैल्शियम लेना ज्यादा मुनासिब है। लेकिन मल्टी विटामिन शरीर में दिख रहे लक्षणों और डॉक्टरी सलाह पर ही लें। 

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