शादी से पहले कुंडली मिलान हो या न हो ये टेस्ट जरूर करवा ले, तो शुभ रहेगा आपका विवाह
शादी से पहले कुंडली मिलान हो या न हो ये टेस्ट जरूर करवा ले, तो शुभ रहेगा आपका विवाह
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गंभीर बीमारियों के लगातार बढ़ते मामले चिंताजनक हो गए है। हमारे देश में शादी से पहले कुं‍डलियां मिलाने की परंपरा है, लेकिन अब जरूरी हो गया है कि हम अपनी रूढि़वादी सोच बदलें और इस पवित्र बंधन में बंधने से पहले कुंडली नहीं बल्कि कुछ जरूरी मेडिकल टेस्‍ट कराएं। शादी के पहले कराए जाने वाले ये टेस्‍ट आपको और आपके होने वाले बच्‍चे को कई हेल्‍थ प्रॉब्‍लम्‍स से बचा सकते हैं। हालांकि ज्‍यादा लोग मेडिकल टेस्‍ट का नाम सुनकर ही डर जाते हैं, लेकिन घबराएं नहीं, अधिकतर टेस्‍ट बहुत ही आसन, दर्द रहित और उचित रेट पर होते हैं। कई टेस्‍ट है, जो शादी के पहले कराए जाने चाहिए। आपकी मेडिकल हिस्‍ट्री और आपके परिवार की हेल्‍थ प्रॉब्‍लम्‍स के आ‍धार पर डॉक्‍टर कुछ अन्‍य जरूरी टेस्‍ट कराने की सलाह दे सकते हैं। आइए जानें कि शादी से पहले आपको कौन-कौन से टेस्‍ट कराने चाहिए। 

एचआईवी टेस्‍ट: कई बीमारियां हैं, जो शारीरिक संबंधों के द्वारा संचारित होती है। इनमें, एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और सी ऐसी हेल्‍थ प्रॉब्‍लम्‍स हैं कि अगर इनका बेहतर तरीके से मैनेज न किया जाए तो यह उम्र भर का रोग बन जाती है। इसके अलावा गोनोरिया, सिफलिस, बैक्‍टीरिया वैजीनोसिस और वार्ट्स का समय रहते पता चल जाए तो इनका ट्रीटमेंट संभव है। शादी से पहले सेक्‍युअली ट्रांसमिटेड बीमारियों का पता लगाना बहुत जरूरी है, ताकि वैवाहिक संबंधों को तनावपूझा्र होने से बचाया जा सके। 

फर्टिलिटी टेस्‍ट: यह टेस्‍ट प्रजनन क्षमता की जांच के लिए किया जाता है। अक्‍सर कपल को 1 या 2 साल तक तो पता ही नहीं चलता है कि उनकी प्रजनन क्षमता नॉर्मल नहीं है। वो इस समस्‍या के बारे में तब जान पाते हैं, जब उन्‍हें बच्‍चा नहीं होता है। अगर फर्टिलिटी टेस्‍ट शादी से पहले ही करा लिया जाए तो बाद में होने वाले सोशल और इमोशनल ट्रॉमा से बचा जा सकता है।

स्‍क्रीनिंग फॉर क्रॉनिक डिजीज: डायबिटीज, किडनी डिजीज, हाई ब्‍लडप्रेशर और कार्डियोंवॉस्‍कुलर डिजीज जैसी बीमारियों की चेकअप बहुत जरूरी है। ये जांच इस पर निर्भर करती हैं कि आपके और आपके पार्टनर के परिवार के किन बीमारियों का पारिवारिक इतिहास है। डायबिटीज स्‍क्रीनिंग इसलिए भी जरूरी है कि इसके कारण इनफर्टिलिटी और हाई स्किन प्रेग्‍नेंसी का खतरा बढ़ जाता है।

आरएच फैक्‍टर टेस्‍ट:आरएच फैक्‍टर एक एंटीजन होता है, जो ब्‍लड सेजलस की सतह पर पाया जाता है। 85 प्रतिशत उन लोगों में पाया जाता है, जो आरएच पॉजिटिव होते हैं। जिन लोगों में यह नहीं होता, वे आरएच निगेटिव होते हैं। वैसे आएच फैक्‍टर हमारे नॉर्मल हेल्‍थ को प्रभावित नहीं करता, लेकिन अगर मां और बच्‍चे का आरएच फैक्‍टर अलग-अलग होगा तो मां और बच्‍चे दोनों में हेल्‍थ प्रॉब्‍लम्‍स हो सकती है जो घातक भी हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि शादी से पहले आरएच फैक्‍टर का चेकअप करा ली जाए, क्‍योंकि अलग-अलग आरएच फैक्‍टर वालों को आपस में शादी न करने की सलाह दी जाती है।

थैलेसीमिया टेस्‍ट:थैलेसीमिया टेस्‍ट कपल में थेलेसीमिया जीन का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह एक ब्‍लड संबंधी आनुवंशिक डिजीज है जिसमें लगातार रेड ब्‍लड सेल्‍स के नष्ट होने से एनीमिया की समस्‍या बनी रहती है। भारत में करीब 6 करोड़ लोग हैं, जिन्‍हें थैलेसीमिया ट्रेट है। चूंकि इस ट्रेट का उन पर प्रत्‍यक्ष प्रभाव नहीं पड़ता है, इसलिण्‍ अधिकतर लोग इसके बारे में नहीं जानते हैं। अगर थैलेसीमिया ट्रेट वाले दो लोग शादी कर लेते हैं तो उनके बच्‍चों में खतरनाक थैलेसीमिया होने की आंशका 25 प्रतिशत तक होती है। इसका जानकारी नॉर्मल ब्‍लड टेस्‍ट से हो जाती है और यह सुनिश्चित हो जाता है कि आप थैलेसीमिया ट्रेट के वाहक तो नही हैं।

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