क्या आपने सुना है कभी हिन्दू धर्म के इन मंदिरों के बारे में जो है विदेशो में
क्या आपने सुना है कभी हिन्दू धर्म के इन मंदिरों के बारे में जो है विदेशो में
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जी हां हमने हमारे देश में स्थित मंदिरों के बारे में तो बहुत सुना होगा पर क्या आप जानते है भारत के अलावा भी लगभग दुनिया के सभी देशो में हमारे हिन्दू धर्म के देवी देवताओ के मंदिर स्थापित है जहा भारतीयों से ज्यादा उन देशो के लोग इन्हें मानते है तथा ये उन देशो में पर्यटन के भी केंद्र बने हुए है सबसे बड़ी बात यह है सभी देशो में सबसे ज्यादा भगवान शिव के ही मंदिर है तो आइये हम आपको बताते है उन प्रमुख 8 मंदिरों के बारे में जो की पूरी दुनिया के अलग-अलग देशो में अपना अलग ही महत्त्व लिए स्थापित है 
1.अरुल्मिगु श्रीराजा कलिअम्मन मंदिर:जोहोर बरु, मलेशिया: कहा जाता है की मलेशिया में स्थित इस मंदिर की स्थापना वर्ष 1922 के आस-पास की गयी थी यह मंदिर जोहोर बरु के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। जिस भूमि पर यह मंदिर बना हुआ है, वह भूमि जोहोर बरु के सुल्तान द्वारा भेंट के रूप में भारतीयों को प्रदान की गई थी। कुछ समय पहले तक यह मंदिर बहुत ही छोटा था, लेकिन आज यह एक भव्य मंदिर बन चुका है। इस मंदिर की सबसे बड़ी बात यह है किमंदिर के गर्भ गृह में लगभग 3,00,000 मोतियों को दीवार पर चिपकाकर सजावट की गई है।

2. शिवा टैम्पल-  ज़्यूरिख़, स्विट्ज़रलैंड: यह एक छोटा लेकिन सुंदर शिव मंदिर है। यहां के गर्भ गृह में शिवलिंग के पीछे भगवान शिव की नटराज स्वरूप में और देवी पार्वती की शक्ति से रूप में मूर्तियां स्थित है। इस मंदिर में भगवान शिव से जुड़े हुए सभी त्योहार बहुत ही धूम-धाम से मनाए जाते हैं। 

3. कटासराज मंदिर पाकिस्तान: कटासराज मंदिर पाकिस्तान के चकवाल गांव से लगभग 40 कि.मी. की दूरी पर कटस में एक पहाड़ी पर है। कहा जाता है कि यह मंदिर महाभारत काल (त्रेतायुग) में भी था। इस मंदिर से जुड़ी पांडवों की कई कथाएं प्रसिद्ध हैं। मान्यताओं के अनुसार, कटासराज मंदिर का कटाक्ष कुंड भगवान शिव के आंसुओं से बना है। इस कुंड के निर्माण के पीछे एक कथा है। कहा जाता है कि जब देवी सती की मृत्यु हो गई, तब भगवान शिव उन के दुःख में इतना रोए की उनके आंसुओं से दो कुंड बन गए। जिसमें से एक कुंड राजस्थान के पुष्कर नामक तीर्थ पर है और दूसरा यहां कटासराज मंदिर में। 

4. शिवा हिन्दू मंदिर-जुईदोस्त, एम्स्टर्डम: यह मंदिर लगभग 4,000 वर्ग मीटर को क्षेत्र में फैला हुआ है। इस मंदिर के दरवाजे भक्तों के लिए जून 2011 को खोले गए थे। इस मंदिर में भगवान शिव के साथ-साथ भगवान गणेश, देवी दुर्गा, भगवान हनुमान की भी पूजा की जाती है। यहां पर भगवान शिव पंचमुखी शिवलिंग के रूप में है। 

5. मुन्नेस्वरम मंदिर- मुन्नेस्वरम, श्रीलंका: इस मंदिर के इतिहास को रामायण काल से जोड़ा जाता है। मान्यताओं के अनुसार, रावण का वध करने के बाद भगवान राम ने इसी जगह पर भगवान शिव की आराधना की थी। इस मंदिर परिसर में पांच मंदिर हैं, जिनमें से सबसे बड़ा और सुंदर मंदिर भगवान शिव का ही है। कहा जाता है कि पुर्तगालियों ने दो बार इस मंदिर पर हमला कर नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी। 

6. शिवा-विष्णु मंदिर- मेलबोर्न, ऑस्ट्रेलिया: इस मंदिर की वास्तुकला हिन्दू और ऑस्ट्रेलियाई परंपराओं का अच्छा उदाहरण है। मंदिर परिसर के अंदर भगवान शिव और विष्णु के साथ-साथ अन्य हिंदू देवी-देवताओं की भी पूजा-अर्चना की जाती है। भगवान शिव और विष्णु को समर्पित इस मंदिर का निर्माण लगभग 1987 के आस-पास किया गया था। 

7. शिवा विष्णु मंदिर- लिवेरमोरे, कैलिफोर्निया: मंदिर में भगवान शिव के साथ-साथ भगवान गणेश, देवी दुर्गा, भगवान अय्यप्पा, देवी लक्ष्मी आदि की भी पूजा की जाती है। मंदिर की अधिकांश मूर्तियों 1985 में तमिलनाडु सरकार द्वारा दान की गई थी। इस मंदिर को इस क्षेत्र का सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है।

8. पशुपतिनाथ मंदिर- काठमांडू, नेपाल: नेपाल के काठमांडू में स्थित भगवान् भोलेनाथ का यह मंदिर पुरे विश्व में प्रसिद्ध है पशुपति नाथ का अर्थ यह भी लगाया जाता है की विश्व के समस्त जीवो के देवता, मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण लगभग 11वीं सदी में किया गया था। दीमक की वजह से मंदिर को बहुत नुकसान हुआ, जिसकी कारण लगभग 17वीं सदी में इसका पुनर्निर्माण किया गया। मंदिर में भगवान शिव की एक चार मुंह वाली मूर्ति है। इस मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति तक पहुंचने के चार दरवाजे बने हुए हैं। वे चारों दरवाजे चांदी के हैं। यह मंदिर हिंदू और नेपाली वास्तुकला का एक अच्छा मिश्रण है। 

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