चंडीगढ़ : भारत की सीमा पर पाकिस्तान की ओर से नशीली वस्तुओं की तस्करी को रोकने के लिए गृहमंत्रालय द्वारा आवश्यक कदम उठाए जाने की बात कही जाती है लेकिन लगता है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय इस मसले पर गंभीर नहीं है। केंद्र सरकार के मंत्रालय इस तरह के गंभीर मसले का उत्तर नहीं दे सकते हैं। स्पष्टतौर पर कहा गया है कि सुरक्षा और नशे की स्मगलिंग पर केंद्र सरकार गंभीर नहीं है।
दरअसल क्षेत्र के उच्च न्यायालय द्वारा केंद्र सरकार को इस मसले पर घेरा गया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने मामले को लेकर कहा कि सरकार द्वारा इस तरह के विषयों का गंभीरता से उत्तर नहीं दिया गया। स्पष्ट है कि सुरक्षा और नशे की स्मगलिंग पर केंद्र सरकार गंभीर नहीं है। न्यायालय द्वारा इस मसले पर कहा गया कि गृहमंत्रालय के अधिकारी यदि इस मामले में पेश नहीं होते हैं तो उन पर अवमानना की कार्रवाई हो सकती है।
इस मामले में पूर्व डीजीपी शशिकांत द्वारा यह जानकारी दी गई कि माफिया की जानकारी हासिल करने के लिए ऐसे लोगों का सहारा लिया जा सकता है जो नशामुक्ति केंद्र आते हैं। यहां आने वाले पीडि़तों के पास भी इस तरह की जानकारी हो सकती है। उच्च न्यायालय द्वारा कहा गया कि लोग तस्करों को लेकर जानकारी देना चाहते हैं तो उन्हें एक स्थान दिया जा सकता है इसके लिए हेल्पलाईन भी एक अच्छा माध्यम है।